लखनऊ। प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन के बाद अब विवेचना की कार्यवाही भी तेज कर दी गई है। सोमवार को हत्याकांड की विवेचना के लिए प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने तीन सदस्यीय एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया। इस जांच दल के पर्यवेक्षण के लिए डीजीपी आरके विश्वकर्मा ने भी एडीजी भानु भाष्कर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है।
भानु भाष्कर को सीबीआइ का भी लंबा अनुभव है। अतीक-अशरफ हत्याकांड को लेकर राज्य सरकार बेहद गंभीर है। घटना से जुड़े सभी पहलुओं को उजागर करने के साथ ही भविष्य में ऐसी वारदात की पुनरावृत्ति रोकने की कसरत तेज की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किए जाने के बाद अतीक व अशरफ की हत्या के मुकदमे की विवेचना के लिए तीन सदस्यीय एसआइटी (विशेष जांच टीम) गठित की गई है।
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वर्तमान में थानाध्यक्ष शाहगंज विवेचना कर रहे हैं। एसआइटी को गवाहों के बयान, अभिलेखीय, इलेक्ट्रानिक व फोरेंसिक साक्ष्यों के संकलन, साक्ष्यों के एफएसएल में परीक्षण कराने के साथ ही निष्पक्ष व प्रभावी जांच की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें प्रयागराज के अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) सतीश चंद्र को मुख्य विवेचक, सहायक पुलिस आयुक्त सत्येन्द्र प्रसाद तिवारी तथा निरीक्षक ओम प्रकाश (विवेचना सेल, अपराध शाखा) को सह विवेचक बनाया गया है। इसके अलावा डीजीपी विश्वकर्मा ने निष्पक्ष व गुणवत्तापरक विवेचना के लिए वरिष्ठ अफसरों को पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी है। पर्यवेक्षण दल में विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ के निदेशक डा सुनील कुमार को भी शामिल किया गया है। तीसरे सदस्य प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा हैं।
- अतीक व अशरफ की हत्या के बाद सोमवार को भी प्रयागराज में कड़ी सुरक्षा रही
- अशरफ ने कहा था कि एक पुलिस अधिकारी ने दी है जेल से निकालकर मारने की धमकी
- वकील विजय मिश्रा को अशरफ ने बताया था, लिफाफे में चिटि्ठयां किसी को दी हैं
- कमिश्नर ने एसीपी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआइटी बनाई
- डीजीपी ने एसआइटी की निगरानी को तीन सदस्यीय दल बनाया
आयोग की अधिसूचना जारी
हत्याकांड की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कमीशन आफ इनक्वायरी एक्ट-1952 के तहत पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अध्यक्षा में गठित आयोग में पूर्व डीजीपी सुबेश कुमार सिंह व पूर्व जज बृजेश कुमार सोनी बतौर सदस्य शामिल हैं।