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निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश पर कार्रवाई की तैयारी, शासन ने 83 पेज की तैयार की जांच रिपोर्ट

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नोएडा: उत्तर प्रदेश में दुनियाभर के निवेशकों को रिझाने में पिछले कई साल से जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मेहनत पर मिस्टर 5% (कमीशन मांगने वाले) पानी फेर रहें हैं। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को जिस मामले में निलंबित किया गया उस कंपनी को यमुना अथॉरिटी के सेक्टर 8 में 200 एकड़ जमीन आवंटन की सिफारिश हुई थी। इस मामले में अभी और कई अफसरों पर गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है। जिस निवेशक की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने यह कड़ी कार्रवाई है, वह निवेशक नोएडा में निवेश को इच्छुक है।

यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि फरवरी के आखिरी सप्ताह में SAEL सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड के निवेश को लेकर इन्वेस्ट यूपी के सीईओ को पत्र लिखा गया था। यह प्रॉजेक्ट यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटी के सेक्टर-8 में लगाया जाना है। इस प्रॉजेक्ट के लिए 200 एकड़ जमीन आवंटित करने के लिए अथॉरिटी ने पत्र लिखा था। यह कंपनी नोएडा में सोलर सेल, सोलर पैनल, सोलर प्लांट लगाने के लिए उपकरणों का निर्माण करने को इच्छुक है।

कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने बताया कि निवेश के लिए जिस निजी व्यक्ति से मिलने की बात कही गई, उसने निवेश के लिए 5 प्रतिशत नकद मांगे। इस कंपनी के मालिक इस प्रॉजेक्ट को दूसरे प्रदेश में ले जा सकते हैं लेकिन वह चाहते हैं रिश्वतखोरी के जिम्मेदारों पर कार्रवाई के साथ इस प्रॉजेक्ट को नोएडा में ही मंजूरी दी जाए।

बदलाव की चल रही जांच

सोलर उपकरणों की कंपनी नोएडा में लगाने को इच्छुक इस कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने कहा कि इन्वेस्ट यूपी की जिस मूल्यांकन समिति ने पहले SAEL सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रॉजेक्ट को हाई पावर कमिटी में ले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बाद में उसमें बदलाव करते हुए समिति के सामने दोबारा प्रस्तुत करने की अनुशंसा की।

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समिति में इन्वेस्ट यूपी के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश के अलावा कई और अधिकारी भी शामिल थे। अब इस मामले में इस बिंदु पर भी जांच होगी कि अखिर मूल्यांकन समिति के अंतिम कार्यवृत्त में बदलाव किसने किया या किसके कहने पर दोबारा प्रॉजेक्ट को मूल्यांकन समिति के सामने पेश किए जाने का निर्णय लिया गया।

एक बार मूल्यांकन समिति की ओर से मंजूरी मिलने के बाद निवेश प्रस्तावों को हाई पावर कमिटी के पास भेजा जाता है। इस पूरे मामले में इन्वेस्ट यूपी में काम करने वाली कंसल्टिंग फर्म के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी जांच की जा रही है।

कई जगह खुले थे एजेंटों के ऑफिस

सूबे की राजनीतिक राजधानी लखनऊ से लेकर औद्योगिक राजधानी नोएडा के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में फैले मिस्टर 5% की पहुंच सीनियर अफसरों से लेकर मंत्रियों के चेंबर में आम है। कमीशनखोरी के इस खेल को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर सोलर उपकरण बनाने को इच्छुक कंपनी के निदेशक ने चोरी-छिपे चल रहे लूट के खेल का खुलासा कर दिया।

करोड़ों के निवेश में कमीशनखोरी का रोड़ा बनने वाले ऐसे मिस्टर 5% प्रदेश की राजधानी ही नहीं जिले के तीनों अथॉरिटी में फैले हैं। कुछ अथॉरिटी में अफसरों ने इनको खुद अपने करीब रखा और जगह-जगह इनके कंसल्टेंसी के नाम पर ऑफिस खुले हैं।

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