नई दिल्ली। कुछ महीने पहले पृथ्वी शॉ ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक स्टोरी पोस्ट की थी, जिसमें लिखा था, ‘उम्मीद है कि आप सबकुछ देख रहे होंगे साईं बाबा।’ भारतीय टीम से नजरअंदाज किए जाने के बाद पृथ्वी शॉ ने भगवान का सहारा लिया था। तब पृथ्वी को ऐसे लोगों ने भी जज किया, जो उन्हें जानते तक नहीं हैं। जब उन्हें दोस्तों की सबसे ज्यादा जरुरत थी, तब इनमें से कोई उनके साथ तक नहीं था।
पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में मुंबई का प्रतिनिधित्व करते हुए 383 गेंदों में 379 रन की उम्दा पारी खेली। इसके बाद उन्होंने अपने दिल का हाल बयां करते हुए कहा, ‘मेरे ख्याल से साईं बाबा वाला पोस्ट किसी और के लिए नहीं था। वो बिलकुल निजी चीज थी।’ भारतीय फर्स्ट क्लास क्रिकेट में करीब 9 दशक के इतिहास में शॉ दूसरे सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज बने।
जज करने का पैमाना
इससे पहले भाऊसाहेब निंबलकर ने महाराष्ट्र के लिए पुणे में काठियावाड़ के खिलाफ 1948-49 में 443 रन की पारी खेली थी, जो कि व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ स्कोर का रिकॉर्ड है। पृथ्वी ने भारतीय टीम से नजरअंदाज किए जाने पर कहा, ‘कभी आप निराश हो जाते हैं। आपको पता है कि आप चीजें सही कर रहे हैं। आपको पता है कि आपकी प्रक्रिया सही है। आप अपने आप से ईमानदार हैं। आप मैदान के अंदर और बाहर अपने करियर के साथ अनुशासित हैं। मगर कभी लोग अलग बातें करते हैं। लोग, जो आपको जानते तक नहीं हैं, वो भी आपको जज करते हैं।’
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सफलता किसी को बुद्धिमान बनाती है, लेकिन खराब समय किसी व्यक्ति को तेजी से परिपक्व बनाता है। 23 साल के पृथ्वी शॉ को अब पता है और वो खोज सकते हैं कि उनके शुभचिंतक कौन हैं। अंडर-19 वर्ल्ड कप विजेता कप्तान शॉ ने कहा, ‘जब मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं करता तो जो लोग मेरे साथ नहीं हैं, मैं उनकी चिंता नहीं करता हूं। अब उन्हें नजरअंदाज करने लगा हूं। यही सबसे अच्छी रणनीति है।’
भारतीय टीम के बारे में नहीं सोच रहे हैं पृथ्वी
पृथ्वी शॉ को सोशल मीडिया के कमेंट्स भी अब परेशान नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं सोशल मीडिया का उपयोग करता हूं, लेकिन मेरे सभी पोस्ट मेरे मैनेजर करते हैं। वो मेरे हैंडल्स और स्टोरी का ख्याल रखते हैं। मैं नहीं देखता कि अब क्या चल रहा है। मैंने खुद को इन सभी चीजों से दूर रखना शुरू किया है। अगर मैं चीजें सही करूंगा और मेरी प्रक्रिया सही होगी तो इस तरह के दिन बार-बार आएंगे।’
पृथ्वी शॉ ने साथ ही बताया कि अब वो भारतीय टीम में वापसी के बारे में नहीं सोचते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अब नहीं सोचता कि कोई मुझे भारतीय टीम में बुलाए। मैं अपनी चीजें सही रखने की कोशिश करता हूं और ज्यादा आगे की नहीं सोचता। मैं उस तरह का व्यक्ति हूं, जो एक दिन को जीना पसंद करता है। मुझे अपना आज सही करना है। मैं मुंबई के लिए खेल रहा हूं और मेरा लक्ष्य रणजी ट्रॉफी जीतना है। कई लोग तारीफ कर रहे हैं और लोगों की अपेक्षाएं बहुत है। मुझे उम्मीद है कि मैंने उन्हें खुश किया।’