हापुड़। मेरठ जिले के हस्तिनापुर क्षेत्र में हुए बहुचर्चित डबल मर्डर में शामिल पिलखुवा क्षेत्र के रहने वाले हत्यारोपित ने बृहस्पतिवार सुबह अपने नलकूप पर सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटनास्थल से जान देने वाले रवि का मोबाइल फोन, तमंचा और उसमें फंसा खोखा कारतूस बरामद हुआ है। हत्यारोपित की तलाश में निरंतर मेरठ पुलिस उसके ठिकानों पर दबिश दे रही थी। मामले की जानकारी पर हत्यारोपित के स्वजन में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र की रामलीला ग्राउंड कालोनी में 29 अगस्त को दिन-दहाड़े बैंक मैनेजर संदीप की गर्भवती पत्नी शिखा और पांच साल के पुत्र रूद्रांश की हत्या हुई थी। संदीप के घर से 14 लाख की आभूषण, ढाई लाख रुपये और स्कूटी भी हत्यारोपित लूटकर ले गए थे। मामले में मेरठ पुलिस ने लूट और हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। हत्याकांड में पिलखुवा क्षेत्र के अहमदपुर नया गांव के रहने वाला रवि कुमार का नाम सामने आया था।
मेरठ पुलिस रवि की तलाश में उसके घर समेत अन्य ठिकानों पर दबिश दे रही थी। बृहस्पतिवार सुबह करीब छह बजे रवि ने अपने नलकूप पर पहुंचकर सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मामले की जानकारी पर उसके स्वजन और काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे। स्वजन उसके शव से लिपटकर विलाप करने लगे। थाना पिलखुवा प्रभारी निरीक्षक मुनीश प्रताप ने बताया कि पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मेरठ पुलिस को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है।
चचेरे भाई के साले के साथ मिलकर की थी हत्या
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि रवि का चचेरा भाई शेर सिंह है। चचेरे भाई का जिला गौतमबुद्धनगर नगर के होशियारपुर के रहने वाले हरीश है। संदीप का बहनोई हरीश है। मामले में मेरठ पुलिस ने हरीश को गिरफ्तार किया था। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि संदीप ने शादी के बाद परिवार से किनारा कर लिया था, इसलिए उससे रंजिश रखी जा रही थी। इसी रंजिश के चलते उसने संदीप की गर्भवती पत्नी शिखा और बेटे की हत्या करने का प्लान बनाया था। जिसे अंजाम देने के लिए उसने रवि को अपने साथ शामिल किया था। जिसके बाद हत्याकांड को अंजाम दिया गया था।
भाइयों से बताई थी हत्या करने की बात
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद रवि को लगातार पुलिस का डर सता रहा था। पुलिस लगातार दबिश देकर स्वजन से उसका पता पूछ रही थी। शायद रवि को पता था कि उसका बचना नामुमकिन है। उसने अपने भाई विनोद और नंदू उर्फ केहर से हत्याकांड का सच बताया था। दोनों भाइयों ने बताया कि घिनौना कृत्य को कर रवि को आत्मग्लानि हो रही थी, जिसके चलते उसने स्वयं अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।