नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड को भुगतान एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए आवेदन फिर से जमा करने के लिए कहा है। बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट सर्विस (Paytm Payments Service) द्वारा ऑनलाइन मर्चेंट्स को अपने प्लेटफार्म से जोड़ने पर रोक लगा दी है। कंपनी नए ऑनलाइन व्यापारियों को तब तक शामिल नहीं करेगी जब तक अनुमोदन लंबित रहेगा।
पेटीएम की ओर से एक्सचेजों को बताया गया कि इस रोक का कंपनी के व्यापार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पेटीएम ब्रांड का परिचालन करने वाली वन97 कम्युनिकेशन (OCL) की ओर से आरबीआई की पेमेंट एग्रीगेटर (PA) गाइडलाइंस का पालन करने के लिए दिसंबर 2020 में पीए से जुड़ी सभी सेवाओं को पेटीएम पेमेंट सर्विस को ट्रांसफर करने के लिए आवेदन दिया था, जिसके बाद बैंकिंग नियामक ने कंपनी को दोबारा आवेदन करने को कहा था।
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क्या हैं पीए गाइडलाइंस
आरबीआई की पीए गाइडलाइंस के मुताबिक, कोई एक कंपनी पेमेंट एग्रीगेटर सर्विस के साथ ई-कॉमर्स मार्किटप्लेस नहीं मुहैया करा सकती है। ऐसे में जो कंपनी ये दोनों उपलब्ध कराती है, उसे अपनी पेमेंट एग्रीगेटर सेवाओं को कॉमर्स मार्केटप्लेस से अलग करना होगा।
बिजनेस पर नहीं होगा असर
कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि हमारी सहायक पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (पीपीएसएल), को भारतीय रिजर्व बैंक से एक पत्र प्राप्त हुआ है। पेटीएम की ओर से इस फैसले पर कहा गया कि आरबीआई की रोक से कंपनी के बिजनेस पर कोई असर नहीं होगा और आय पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी ऑफलाइन मर्चेंट्स को प्लेटफार्म से जोड़ना जारी रखेगी। इसके साथ ही पेटीएम पेमेंट सर्विस का बिजनेस भी मौजूदा ऑनलाइन मर्चेंट्स के साथ जारी रहेगा।