नई दिल्ली। फंसे कर्जों का बोझ कम करने के लिए सरकार और आरबीआई के स्तर पर किए गए उपायों से बैंक पिछले नौ साल में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि की वसूली करने में सफल रहे हैं।
क्या कहते हैं RBI के आंकड़े?
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, देश के अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने पिछले नौ वित्त वर्षों में कुल 10,16,617 करोड़ रुपये की वसूली की है। बड़े कर्जों से संबंधित आंकड़ों के केंद्रीय संग्राहक (CRILC) के मुताबिक, अधिसूचित बैंकों का 1,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज वाली कंपनियों पर बकाया मार्च, 2023 के अंत में 1,03,975 करोड़ रुपये था।
आरबीआई की तरफ से गठित सीआरआईएलसी कर्जदाताओं के कर्जों के बारे में आंकड़ों को एकत्रित, भंडारण और विश्लेषण करता है। बैंकों के लिए साप्ताहिक आधार पर उसे आंकड़े देना जरूरी होता है।
एनपीए में गिरावट दर्ज
आरबीआई का आंकड़ा बताता है कि बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के 20 करोड़ रुपये या उससे अधिक फंसे कर्जों की मात्रा पिछले पांच वर्षों में घटी है। वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में बकाया एनपीए 7,09,907 करोड़ रुपये था, लेकिन मार्च, 2023 में यह घटकर 2,66,491 करोड़ रुपये रह गया।
कुछ दिनों पहले लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने बताया था कि फंसे कर्जों की वसूली के लिए हाल ही में कई संशोधन किए गए हैं। इसी के तहत ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) का क्षेत्राधिकार 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे डीआरटी अधिक मूल्य वाले मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी।