नई दिल्ली। दिल्ली जेल विभाग ने दिल्ली की अदालत को लाल किला 2000 हमले मामले में पत्र लिखकर दोषी के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसे मौत की सजा देने के अपने फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी।
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एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस महीने की शुरुआत में एक अदालत को लिखा है और आगे की प्रक्रिया शुरू की है। आरिफ ने राष्ट्रपति से अपना कार्यकाल कम करने की अपील नहीं की है। अधिकारी ने कहा कि मामला 27 फरवरी के लिए सूचीबद्ध है।
22 दिसंबर, 2000 की रात को कुछ आतंकी लाल किले में घुस आए थे, जहां उन्होंने भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स की यूनिट-7 पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे। आतंकी बाद में किले की पिछली ओर की बाउंड्री को लांघ कर भाग गए थे।
अक्टूबर 2005 में निचली अदालत ने आरिफ को मौत की सजा सुनाई थी, जिसकी पुष्टि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सितंबर 2007 में की थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अगस्त 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने भी आरिफ को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा था।