ग्रेटर नोएडा के बिल्डर प्रोजेक्ट में घर खरीदने वाले दो हजार से अधिक होम बायर्स के लिए गुड न्यूज है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मैसर्स स्टार सिटी रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स एन्टाईसमैन्ट लिमिटेड और मैसर्स गुलशन डेवलपर्स लिमिटेड के प्रोजेक्ट के 2215 फ्लैट खरीदारों को रजिस्ट्री कराने की अनुमति प्रदान कर दी है। अब फ्लैट खरीददार अपने फ्लैट की रजिस्ट्री करवा पाएंगे। फ्लैट बायर्स की सहूलियत के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से विशेष कैंप भी लगाया जाएगा।
बता दें कि, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से मैसर्स स्टॉर सिटी रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को भूखण्ड संख्या 14- ए, सेक्टर-1 में फ्लैटों की सब लीज डीड कराने की अनुमति दी गई है। उसी तरह मैसर्स एन्टाईसमैन्ट लिमिटेड को भूखण्ड संख्या 11-ए, सेक्टर- 1 में और मैसर्स गुलशन डेवलपर्स लिमिटेड को भूखण्ड संख्या- जीएच-2ए, सेक्टर-16 की परियोजनाओं में फ्लैटों की सब-लीज डीड कराए जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। प्राधिकरण की अनुमति मिलने से होम बायर्स की रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण कार्यालय में स्पेशल कैंप लगाएगा। जहां बॉयर्स अपने फ्लैट की रजिस्ट्री कर फ्लैट पर कब्जा पा सकेंगे।
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पैसे देकर भी मालिकाना हक से वंचित थे खरीदार
मिली जानकारी के अनुसार, फ्लैट खरीदारों को पैसे देकर भी मालिकाना हक नहीं मिला था। उन्होंने बिल्डर को फ्लैट की पूरी कीमत भी अदा कर दी थी। मगर बिल्डरों ने उनको झांसे में लेकर बिना रजिस्ट्री के घर सौंप दिया था। प्राधिकरण की अनुमति के बाद मैसर्स स्टार सिटी रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के कुल 933 फ्लैट, मैसर्स एंटीसीमेंट के कुल 536 फ्लैट तथा मैसर्स गुलशन डेवलपर्स लिमिटेड के कुल 746 फ्लैट मालिकों को अपने फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा।
प्राधिकरण की पहल से मिल जाएगा खरीदारों को उनका हक
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से विशेष कैंप लगाकर फ्लैटों की रजिस्ट्री कराई जाएगी। जिसमें बॉयर्स अपने फ्लैट की रजिस्ट्री कराकर अपने फ्लैट पर कब्जा प्राप्त कर सकेंगें। बता दें कि, बीते कुछ वर्षों पहले फ्लैट पर कब्जा नहीं मिलने पर खूब हंगामा हो गया था। उस समय जिन-जिन बिल्डरों के प्रोजेक्ट के फ्लैट का काम पूरा हो गया था, उन्होंने बिना रजिस्ट्री कराए फ्लैट खरीदारों को पजेशन देने का काम किया। उस दौरान वादा किया गया था कि जल्द ही रजिस्ट्री कराने का काम पूरा करा दिया जाएगा। लेकिन बिल्डरों की ओर से ऐसा नही किया गया। नोएडा प्राधिकरण ने ऐसे बिल्डरों के ऊपर सख्ती से कार्रवाई करते हुए अब रजिस्ट्री कराने की अनुमति दे दी है।