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सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट के टि्वन टावर के बेसमेंट ध्वस्त करने को लेकर निवासी और कंपनी आमने-सामने

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नोएडा। सेक्टर-93ए की सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी के निवासी और एडिफाइस कंपनी एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। ट्विन टावर के बेसमेंट और प्लेटफार्म को ध्वस्त करने को लेकर दोनों अपना-अपना तर्क दे रहे हैं। कंपनी का कहना है कि करार के तहत बेसमेंट और प्लेटफार्म को उन्हें ध्वस्त करना है। वहीं, लोगों का कहना है कि सोसाइटी में अब और ड्रिल मशीन नहीं चलने देंगे। मशीन चलने से परेशानी हो रही है। इस मामले में दोनों पक्षों ने प्राधिकरण से संपर्क किया है।

भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़े हुए सुपरटेक के ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी की एओए ने कानूनी लड़ाई लड़ी थी। करीब 10 वर्ष तक चले संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन टावर को 28 अगस्त को ध्वस्त कर दिया गया था। अब इन टावर के मलबे के निस्तारण का काम चल रहा है। टावर के बेसमेंट को ध्वस्त करने को लेकर एओए मैदान में है। एओए ने साफ कर दिया है कि वह अपनी सोसाइटी में अब और ध्वस्तीकरण नहीं चाहते। उन्होंने जिस काम के लिए संघर्ष किया था, वह काम पूरा हो गया। अब वे बेसमेंट को तोड़ने के लिए लगातर चलने वाली ड्रिल मशीन नहीं चलने देंगे। एओए द्वारा पिछले 10 दिन से वहां पर सारे काम को बंद करा दिया गया है। उनकी ओर से इस मामले को लेकर प्राधिकरण में भी शिकायत की गई है।

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एडिफाइस कंपनी का कहना है कि करार के तहत टावर के बेसमेंट और प्लेटफार्म को उन्हें ध्वस्त करना है। इसमें चार करोड़ से अधिक का लोहा फंसा है। सभी पक्षों से बात कर एक बार फिर से ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया जाएगा।

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अब ड्रिल मशीन नहीं चलने देंगे : एओए

सोसाइटी की एओए के अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने कहा कि सोसाइटी में 660 परिवार रहते हैं। वे पिछले एक साल से ड्रिल मशीनों के चलने से परेशान हैं। उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। कंपनी यहां पर बेसमेंट और प्लेटफार्म को तोड़ना चाहती है। वे अब तोड़फोड़ के लिए ड्रिल मशीन नहीं चलने देंगे। इसके लिए उन्होंने दस दिनों से काम बंद करा रखा है। इस संबंध में प्राधिकरण में भी शिकायत कर दी है।

कंपन से कोई खतरा नहीं : कंपनी

एडिफाइस कंपनी के संचालक उत्कर्ष का कहना है कि एओए ने टावर के बेसमेंट तोड़ने का काम पिछले कुछ दिनों से बंद करा रखा है। इस मामले को लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों से वार्ता की है। सीबीआरआई ने कहा था कि बीस एमएम तक के कंपन से सोसाइटी में किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने हैदराबाद की उत्तम कंपनी से जांच भी कराई थी, जिसकी रिपोर्ट बुधवार को ही मिली है। जिसके अनुसार यहां पर होने वाली ड्रिलिंग से एक एमएम का भी कंपन नहीं हो रहा है। इस रिपोर्ट को वह प्राधिकरण के सामने रखेंगे।

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बिल्डर को कोई निर्माण नहीं करने देंगे : तेवतिया

एओए के अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने कहा कि उन्होंने प्राधिकरण में भी लिख कर दे दिया है कि जिस स्थान पर ये दोनों अवैध टावर थे, उस स्थान पर अब एओए का हक है और यहां पर वह बिल्डर को किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं करने देंगे। एडिफाइस कंपनी द्वारा जब यहां पर बेसमेंट का भराव कर उसे समतल कर दिया जाएगा। तो यहां पर क्या बनाया जाना है, इसका निर्णय एओए की बैठक में सर्वसम्मति से लिया जाएगा।

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