गौतमबुद्धनगर जिले के इतिहास में अभी तक के सबसे बड़े घोटाले के रूप में माने जा रहे बाइक बोट घोटाले में इंटरपोल, सीबीआई, ईडी, एसआईटी समेत विभिन्न राज्यों की 17 जांच एजेंसियां जांच में जुटी है। लेकिन अभी तक किसी के भी हाथ इस घोटाले का सबसे बड़ा खिलाड़ी माने जा रहे बिजेन्द्र हुड्डा तक नहीं पहुंच सके हैं। उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चला है और अब शासन ने उस पर पांच लाख का इनाम घोषित किया है।
बाइक बोट कंपनी की स्थापना संजय भाटी ने की थी और उसे ही इस कंपनी का मालिक माना जाता है। लेकिन जांच अधिकारियों की मानें तो इस घोटाले में सबसे अहम कड़ी अब बिजेन्द्र हुड्डा है, जो कंपनी में नंबर दो की हैसीयत रखता था और संजय भाटी को सभी बड़े लोगों से मिलाने में उसका ही अहम रोल था। घोटाले में वह संजय भाटी से भी बड़ा खिलाड़ी है। जो इस मामले में वर्ष 2019 में पहला मुकदमा दर्ज होने के बाद ही देश छोड़कर विदेश भाग गया है और विदेश में उसके द्वारा बड़े पैमानें पर ठगी का पैसा निवेश करने के भी दावे किए जा रहे हैं। वह कौन से देश में और कब से छिपा हुआ है। जिसके लिए जांच एजेंसियों ने विदेश मंत्रालय से भी मदद मांगी है। पुलिस का कहना है कि बिजेन्द्र हुड्डा के पकड़ में आने के बाद ही घोटाले की सही रकम का खुलासा होगा और यह भी पता चलेगा कि इस रकम का कहां-कहां निवेश किया गया है।
दीप्ती पर भी पांच लाख का इनाम
बाइक बोट घोटाले में शासन ने बिजेन्द्र हु्ड्डा के अलावा संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल, लोकेन्द्र सिंह और भूदेव पर भी पांच-पांच लाख का इनाम घोषित किया है। इन चारों आरोपियों को इस मामले में दर्ज 106 मुकदमों में आरोपी बताया गया है। दीप्ती बहल के लोनी स्थित मकान को भी करीब एक साल पहले कुर्क किया जा चुका था। लेकिन फिर भी उसका कहीं कोई सुराग नहीं लगा था।
216 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है जब्त
हजारो करोड़ के बाइक बोट घोटाले में आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जा रही है। ईडी और पुलिस के द्धारा अभी तक इस मामले में 216.09 करोड़ की आरोपियों की संपत्तियों को भी जब्त किया जा चुका है। जबकि उनकी अन्य संपत्ति चिन्हित की जा रही है और यह संपत्ति भी जब्त करने का दावा पुलिस अधिकारी कर रहे हैं।
सीबीआई ने अधिकारियों पर भी लगाये थे आरोप
बाइक बोट घोटाले को लेकर सीबीआई के द्धारा भी मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। इस मुकदमें में सीबीआई ने दो लाख से अधिक लोगों से 15 हजार करोड़ की ठगी का आरोप लगाया है। बोट घोटाले में सीबीआई द्धारा दर्ज मुकदमें गौतमबुद्धनगर जिले के पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों तथा एसपी क्राइम और एसएसपी पर भी आरोप लगाये हैं। सीबीआई के एएसपी कप्तान सिंह लोचब ने इस मुकदमे में 11 मामलों को मर्ज किया है, जिसमें डायरेक्टर संजय भाटी सहित 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है। दर्ज मुकदमें में तत्कालीन नोएडा एसएसपी और एसपी क्राइम का जिक्र है। दोनों अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने पीड़ितों पर केस वापसी के लिए दबाव बनाया। इसमें यह भी लिखा गया है कि यह प्रकरण गौतमबुद्धनगर जिले के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की जानकारी में था, लेकिन उन्होंने तत्काल इस मामले में कार्रवाई नहीं की।
बाइक बोट घोटाला
12 जनवरी 2019 को इस मामले में पहला मुकदमा दादरी थाने में दर्ज
जून 2019 में बाइक बोट कंपनी का मालिक संजय भाटी गिरफ्तार
29 आरोपी अभी तक गिरफ्तार, 15 पर गैंगस्टर की कार्रवाई
ईडी ने 216 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच की
116 मुकदमों की जांच ईओडब्लू मेरठ कर रही है
हर जांच एजेंसी का घोटाले की रकम का अलग अनुमान
दिल्ली पुलिस इस घोटाले को 42 हजार करोड़ का मानती है
ईओडब्लू मेरठ की जांच में शुरुआत में यह घोटाला 3500 करोड़ का था बाद में उन्होंने इस 5 हजार करोड़ माना
सीबीआई ने एफआईआर में यह घोटाला 15 हजार करोड़ का बताया
न्यायालय के आदेश पर दर्ज मुकदमों में भी इसे 15 हजार करोड़ का घोटोला बताया गया है।