रुड़की : क्रिकेट की पिच पर बल्ले के साथ भारतीय टीम को जिताने के लिए जान लगा देने के साथ ही विकेट के पीछे से भी हुनर दिखाने वाले ऋषभ पंत ने जिंदगी की पिच पर भी हौसले का दामन नहीं छोड़ा।
भीषण हादसे के बावजूद वो घबराए नहीं, बल्कि कार से बाहर निकलने की लगातार कोशिश की और आखिरकार सफल भी हुए। ऋषभ के बाहर निकलते ही कार में आग लग गई।
यदि उन्हें जरा भी देर हो जाती तो शायद कोई अनहोनी हो सकती थी। इसके बाद जब शरीर पर जख्मों की असहनीय पीड़ा के साथ वो अस्पताल पहुंचे तो घबराई मां को ढांढस बंधाने के लिए न सिर्फ मुस्कुराए, बल्कि हंसी-मजाक भी करते रहे।
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ऋषभ पंत की कार भीषण हादसे का शिकार हो गई
भारतीय क्रिकेट टीम के विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कई मैचों में मुश्किल घड़ी में पिच पर टिककर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं, आइपीएल में तो उनके शानदार प्रदर्शन से हर कोई वाकिफ है। ऐसे में जिंदगी की पिच पर जब मुश्किल घड़ी थी तो ऋषभ कैसे हार मान सकते थे।
शुक्रवार सुबह दिल्ली-देहरादून हाईवे पर ऋषभ पंत की कार भीषण हादसे का शिकार हो गई। हादसा इतना भीषण था कि इसकी आवाज एक किमी दूर तक सुनाई दी। जब तक लोग वहां पहुंचते कार पलटते हुए काफी दूर तक चली गई।
मौत को नजदीक से देखकर भी ऋषभ डरे नहीं, बल्कि एक खिलाड़ी की तरह हौसले से काम लिया। वो लगातार कोशिश करते रहे और लोगों की मदद से कार से बाहर निकले।
घायल होने के बावजूद ऋषभ ने काफी हिम्मत दिखाई
देखते ही देखते कार में आग लग गई। ऋषभ ने सबसे पहले पहुंचे हरियाणा रोडवेज के चालक सुशील कुमार और परिचालक परमजीत को अपना परिचय दिया। सक्षम अस्पताल में भर्ती होने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें इंजेक्शन लगाई, तब जाकर दर्द कुछ कम हुआ। इसके बाद घर से उनके कपड़े मंगाए गए।
मां को परेशान देखकर उन्होंने चुटीले अंदाज में मां सरोज पंत को कहा, घर में छोटे कपड़े नहीं थे क्या? यह सुनकर मां के चेहरे पर भी मुस्कान तैर गई और वह थोड़ी सामान्य हुईं। सक्षम अस्पताल के चेयरमैन डा. सुशील कुमार ने बताया कि, घायल होने के बावजूद ऋषभ ने काफी हिम्मत दिखाई। इस तरह के हादसों में अधिकांश लोग घबरा जाते हैं।
सड़क दुर्घटना के बाद बाद क्रिकेटर ऋषभ पंत के सामाना को लोगों की ओर से चोरी किए जाने की सूचना असत्य है। जो यह भ्रामक खबरें फैला रहे हैं, वह ऐसा न करें। जिन युवकों ने घायल ऋषभ पंत की मदद की है उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
-अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड