नोएडा। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में मंगलवार को एक तरफ जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे, वहीं दूसरी तरफ एनटीपीसी प्लांट पर खूब बवाल हुआ। दादरी क्षेत्र में एनटीपीसी प्रभावित किसानों और पुलिस-प्रशासन के बीच झड़प में 3 पुलिसकर्मी समेत कई प्रदर्शनकारी घायल हुए। पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और करीब 100 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
एक समान मुआवजा व स्थाई रोजगार की मांग को लेकर एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांवों के किसान व महिलाएं रसूलपुर गांव से एनटीपीसी प्लांट के गेट पर पहुंचे। आरोप है कि धरने को समाप्त करने के उद्देश्य से पानी की बौछार करवाई गई। किसानों पर बल प्रयोग किया गया। किसानों ने लाठीचार्ज का आरोप लगाया है। किसानों व महिलाओं के बीच भगदड़ मच गई। टकराव में किसान सुरेंद्र सिंह नरौली व सूरजपाल सिंह श्योराजपुर घायल हुए है।
महिलाएं व बुजुर्ग पर बल प्रयोग का आरोप
किसानों का आरोप है कि पुलिस द्वारा बल प्रयोग से नाराज होकर सभी लोग दादरी विधायक तेजपाल नागर के घर के बाहर धरने पर बैठ गए। विधायक के घर के घेराव के दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। किसानों का आरोप है कि धरने पर बैठी महिलाओं पर फायर की गाड़ियों से पानी की बौछार करवाई गई। किसान महिलाएं मौके पर डटी रही। चार बजे धरना समाप्त कर लौट रहे किसानों महिलाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें महिलाएं व बुजुर्ग घायल हुए। आरोप है कि प्रशासन ने जबरदस्ती दुकानें बंद करवाई। एक घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा।
पाक प्रधानमंत्री शरीफ ने राष्ट्रपति शी से मुलाकात की, संबंधों को मजबूत करने पर सहमति हुई
पुलिस का लाठीचार्ज के आरोपों से इनकार
ग्रेटर नोएडा के डीसीपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि लाठी चार्ज नहीं किया गया है। स्थिति नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस के मुताबिक सिपाही रविकांत पथराव में घायल हुआ है। उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने दावा किया है कि किसानों ने पथराव किया। एसटीपीसी परिसर में जबरन घुसने का प्रयास किया गया। सुखवीर खलीफा समेत अन्य किसानों की रिहाई की मांग को लेकर किसानों ने विधायक के घर का घेराव किया। पुलिस ने किसान नेता सुखवीर खलीफा समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।
स्थाई रोजगार प्रदान कराना संभव नहीं
एनटीपीसी प्रबंधन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि स्थाई रोजगार प्रदान करना संभव नहीं है। वही अन्य मांगो को लेकर एनटीपीसी का सीएसआर विभाग गंभीरता से सभी मांगों पर विचार कर रहा है। रिक्तियों की अनुपलब्धता के कारण स्थाई रोजगार प्रदान करना संभव नहीं है। रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल विकास सीएसआर एजेंडा की उच्च प्राथमिकता में है।