नई दिल्ली। पश्चिमी देशों द्वारा तय की गई रूसी कच्ची तेल की कीमतों की सीमा से निपटने के लिए रूस ने भारत को मदद की पेशकश की है। रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने यूरोपीय संघ व ब्रिटेन में बीमा सेवाओं और टैकरों को भाड़े पर लेने के लिए निर्भर नहीं रहने के लिए भारत को ज्यादा क्षमता वाले जहाजों को पट्टे पर देने और उनके निर्माण में सहयोग की पेशकश की है। एक बयान के मुताबिक, नोवाक ने शुक्रवार को रूस में भारत के राजदूत पवन कपूर से मुलाकात की।
कच्चे तेल की कीमतें 60 डालर प्रति बैरल
बयान के अनुसार, वर्ष 2022 के पहले आठ महीनों के दौरान रूस से भारत को निर्यात 1.635 टन तक बढ़ गया था और गर्मियों में भारत भेजे गए शिपमेंट के मामले में वह दूसरे स्थान पर पहुंच गया था। जी-7 देशों, यूरोपीय संघ व आस्ट्रेलिया ने पिछले हफ्ते रूस पर प्रतिबंधों के तहत समुद्र के रास्ते कच्चे तेल की कीमतें 60 डालर प्रति बैरल तय करने पर सहमति व्यक्त की थी।
इसके साथ ही रूस ने जी-7 और उसके सहयोगी देशों का इस मामले में समर्थन नहीं करने के भारत के फैसले का स्वागत किया है। कपूर से मुलाकात के दौरान नोवाक ने जोर देकर कहा कि रूस पूरी जिम्मेदारी से ईंधन आपूर्ति की अनुबंध बाध्यताओं को पूरा कर रहा है।