चैट जीपीटी के कविता लिखने वाले चैटबॉट ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है, इस मामले पर चैट जीपीटी ओपनएआई के चीफ एग्जिक्यूटिव सैम अल्टमैन ने यूएस के न्यायालय में कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बहुत जरूरी है। कोर्ट ने एआई के सबसे बड़े खतरे को लेकर गहरी चिंता जताई है जिसमें कम्प्यूटर से बनाई गई आवाज शामिल है। चैटबॉट द्वारा लिखे गए शब्दों को एआई ने ठीक उसी आवाज में पेश किया जिस आवाज में वहां के मुख्य सीनेटर बात करते हैं। यूएस के सीनेटर रिचर्ड ब्लमेंथल ने कहा, “अगर आप घर पर बैठकर सुनेंगे तो आपको लगेगा कि ये आवाज और ये शब्द मेरे हैं। लेकिन असल में ये मेरी आवाज है ही नहीं।” उन्होंने आगे कहा कि एआई तकनीक रिसर्च एक्सपेरिमेंट से बहुत आगे बढ़ चुका है। ये अब सिर्फ साइंस फिक्शन नहीं रह गए हैं, बल्कि एक रूप में आ चुके हैं और सब जगह मौजूद हैं।
सरकार का हस्तक्षेप होगा जरूरी
सैम अल्टमैन ने अमेरिकी सीनेट के सामने अपने बयान में कहा कि अगर एआई का गलत इस्तेमाल हुआ तो ये बहुत खतरनाक स्तर तक गलत हो सकता है। ओपनएआई दुनिया पर छाने वाला है और इसके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सरकारों द्वारा इसमें हस्तक्षेप करना बहुत जरूरी होगा।
कई जगह खतरे की घंटी है एआई
नैकरियों से लेकर कलाकारों और बहुत से अन्य काम चैटजीपीटी की सहायता से बहुत आसानी से किए जा रहे हैं। इससे व्यापक तौर पर लोगों की नौकरियों पर खतरा बन गया है, इसमें आर्टिस्ट, म्यूजिशियन और सामान्य जॉब करने वाले लोग बड़ी संख्या में शामिल हैं। अल्टमैन ने कहा कि क्रिएटरो पर कंट्रोल होना चाहिए, ये मानवता की भलाई के लिए बनाया गया टूल है।
लोकतंत्र भी है बहुत बड़ा खतरा
ओपनएआई चैटजीपीटी का उदाहरण देकर हम आपको बताते हैं कि इस एआई चैटबॉट के पास 2021 तक डेटा ही उपलब्ध है। कहने का मतलब आपको अगर किसी मौजूदा सरकार मुद्दे पर जानकारी चाहिए तो चैटजीपीट आपको सिर्फ 2021 तक का डेटा ही मुहैया कराए पाएगा। ऐसे में 2021 के बाद के तमाम बदलावों या नीतियों की जानकारी आपको नहीं दी जा सकेगी, कुल मिलाकर लोकतंत्र के लिए भी एआई बड़ा खतरा साबित हो सकता है।