नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की ओर से निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसका सीधा असर बाजार में कारोबार करने वाले निवेशकों पर होगा। ये फैसले बोर्ड बैठक में हुए हैं, जिसके बारे में हम अपनी रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं।
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सेबी ने बोर्ड बैठक में लिए ये महत्वपूर्ण निर्णय
- सेबी ने डिस्क्लोजर के नियमों में बदलाव किया है। अब सूचीबद्ध कंपनियों को बोर्ड बैठक खत्म होने के 30 मिनट के अंदर सबसे महत्वपूर्ण सूचना को बाजार को बताना होगा। साथ ही सभी महत्वपूर्ण जानकारियां 12 घंटे के अंदर देनी होंगी। एक अक्टूबर, 2023 से यह नियम बाजार पूंजीकरण के हिसाब से सबसे बड़ी 100 सूंचीबद्ध कंपनियों पर लागू हो जाएगा।
- सेबी की ओर से म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया है, जिससे ट्रस्टी और एएमसी के बोर्ड की जिम्मेदारियां स्पष्ट हो। साथ ही सेबी द्वारा प्राइवेट इक्विटी फंड्स को म्यूचुअल फंड का स्पॉन्सर बनने को लेकर मंजूरी दे दी है।
- सेबी की ओर से कॉरपोरेट डेट मार्केट डेवलपमेंट फंड (CDMDF) सेट अप करने को लेकर मंजूरी दे गई है। यह संकट के समय में इन्वेंटमेंट ग्रेड के कॉरपोरेट डेट सिक्योरिटी को खरीदने के लिए एक बैकस्टॉप सुविधा के रूप में कार्य करेगा।
- स्टॉक ब्रोकर्स की ओर से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए सेबी की ओर से एक फ्रेमवर्क जारी किया गया है, जो कि एक अक्टूबर, 2023 से प्रभावी होगा।
- ESG डिस्क्लोजर को लेकर सेबी ने बीआरएसआर (Business Responsibility and Sustainability Report) को जारी करना अनिवार्य कर दिया है। इससे डिस्क्लोजर को लेकर विश्वसनीयता बढ़ेगी।
- अब म्यूचुअल फंड ESG कैटेगरी में अधिक स्कीम लॉन्च कर सकेंगे। सेबी ने म्यूचुअल फंड कंपनियों को प्रति कैटेगरी एक स्कीम शुरू करने की इजाजत दे दी है।
- सेबी ने इंडेक्स प्रोवाइडर्स के लिए फ्रेमवर्क मंजरी दे दी है। अभी तक इंडेक्स प्रोवाइडर्स के लिए कोई भी कानून नहीं था।