दिल्ली चिड़ियाघर में अफ्रीकन मूल का हाथी ‘शंकर’ 21 साल से अकेले रहने के लिए मजबूर है. उससे पहले वह 1998 से 2001 तक लाइफ पार्टनर के साथ रहता था. अचानक एक बीमारी ने शंकर से उसका लाइफ पार्टनर छीन लिया. कहने का मतलब यह है कि शंकर के पार्टनर का निधन हो गया. तब से वह अकेला रहता है. उसे एशियन मूल की हथिनी के साथ रखने का प्रयास किया गया, लेकिन वो तालमेल बनाने में नाकाम रहा. उसके बाद उसे अलग कर दिया गया.
तब से शंकर बहुत परेशान रहता है. उसकी परेशानी को देखते हुए दिल्ली जू ने शंकर के लिए लाइफ पार्टनर ढूंढने का काम तेज कर दिया है. बताया जा रहा है कि दिल्ली चिड़ियाघर में बहुत जल्द शहनाई बजाने वाली है. 27 वर्षीय ‘शंकर’ के लिए दुल्हन की तलाश तेजी से की जा रही है. देश और दुनिया के चिड़ियाघरों से संपर्क किया जा रहा है. जू प्रशासन ने अन्य एजेंसिंयों और मंत्रालयों के सहयोग से अमेरिकी दूतावास से भी संपर्क साधा है. ताकि शंकर को अफ्रीकन मूल की दुल्हनियां मिल सके.
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20 से 22 साल के पार्टनर की तलाश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली जू की डायरेक्टर आकांक्षा महाजन बताती हैं कि शंकर के साथ 2001 तक एक पार्टनर थी. उसकी मौत होने के बाद से शंकर अकेला है. उसके लिए अफ्रीकन मूल की दुल्हनिया ढूंढने का काम जारी है. कहीं-कहीं अफ्रीकन हथिनी मिली भी हैं, लेकिन उम्र कम होने की वजह से अभी तक बात बनी नहीं है. शंकर के लिए कम से कम 20 से 22 साल तक की पार्टनर चाहिए.
एशियन मूल की हथिनी शंकर को पसंद नहीं
अफ्रीकन मूल के शंकर की पार्टनर की मौत के बाद उसे एशियन हाथियों के साथ रखा गया, लेकिन वो दूसरे हाथियों के साथ तालमेल बैठाने में नाकाम रहा. वह एशियन मूल की हाथी से झगड़ने लगा. यही वजह है कि अब शंकर के लिए पार्टनर की तलाश तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि दिल्ली जू प्रशासन को इस मुहिम में बहुत जल्द सफलता मिलने की उम्मीद है. दिल्ली जू के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि बहुत जल्द चिड़ियाघर में शहनाई बजने वाली है.
बता दें कि अफ्रीकन मूल के हाथी शंकर को 1998 में दिल्ली चिड़ियाघर लाया गया था. 2001 तक वह अपने पार्टनर के साथ रहता था. एक गंभीर बीमारी की वजह से उसके पार्टनर का निधन हो गया. तभी से शंकर नई दुल्हन के इंतजार में है.