ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय ने तुर्किए से अपने शैक्षणिक संबंधों को निरस्त कर दिया है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर यह निर्णय लिया गया है। दरअसल, पिछले दिनों ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में तुर्किए उसके साथ खड़ा दिखा था। यह फैसला देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। शारदा विश्वविद्यालय के इस निर्णय से साफ है कि वो हर हाल में देश के साथ खड़ा है।
विश्वविद्यालय के डायरेक्टर पीआर ने बताया कि तुर्किए के इस्तांबुल आयदिन विश्वविद्यालय (Istanbul Aydın University) वर्ष 2017 और हसन कल्योनकू विश्वविद्यालय (Hasan Kalyoncu University) के साथ वर्ष 2019 से हमारा शैक्षणिक संबंध था। जिसे तुरंत प्रभाव निरस्त कर दिया गया है और अधिकारिक तौर पर सूचित कर दिया गया है। इस एमओयू के तहत दोनों संस्थानों के बीच रिसर्च में सहयोग और छात्र एवं संकायों आदान-प्रदान की व्यवस्था की गई थी। यह निर्णय तुर्किए द्वारा खुद को पाकिस्तान के साथ जोड़ने के गंभीर भू-राजनीतिक रुख से सीधे तौर पर उपजा है जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खुले तौर पर शत्रुतापूर्ण है। उन्होंने जोर देकर कहा हमारा दृढ़ विश्वास है कि पाकिस्तान के रणनीतिक सहयोगी के साथ प्रत्यक्ष या मौन रूप से जुड़े किसी संस्थान को विश्वसनीय अकादमिक सहयोगी नहीं माना जा सकता। जो राष्ट्र भारत की अखंडता के विरोधियों के साथ खड़ा है, वह हमारे लिए भरोसेमंद साझेदार नहीं हो सकता।