Special appeal: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली ने अपने पड़ोसी राज्यों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सार्वजनिक परिवहन वाले वाहनों को सीएनजी चालित बनाने और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीति अपनाने की अपील की है। उन्होंने पड़ोसी राज्यों से पटाखों पर भी प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है।
गोपाल राय ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा बुलाई गई एनसीआर के राज्यों की एक ऑनलाइन बैठक के दौरान यह सुझाव दिए। राय ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने सुझाव दिया है कि पड़ोसी राज्यों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सार्वजनिक परिवहन के वाहनों को सीएनजी चालित बनाना चाहिए और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीति अपनानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एनसीआर में ऐसे ‘थर्मल पावर प्लांट्स’ को विस्तारित नहीं किया जाना चाहिए, जो उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों (Emission Control Devices) के बिना काम कर रहे हैं। (Special appeal)
मंत्री ने कहा कि उन्होंने पड़ोसी राज्यों से पराली जलाने से रोकने के लिए ”आपातकालीन उपाय” के रूप में पराली पर ‘बायो-डीकंपोजर स्प्रे’ करने का भी आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो दिल्ली समेत पूरा भारत इस बार भी पराली जलाने से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का सामना करेगा।
उन्होंने कहा कि हमने यह भी सुझाव दिया है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश दिल्ली से लगे अपने क्षेत्रों में प्रदूषण वाले इलाकों को चिह्नित करने और जमीनी स्तर पर कार्य के लिए टास्क फोर्स गठित करे।
राय ने कहा कि इन राज्यों के अधिकांश अधिकारी लखनऊ और चंडीगढ़ में बैठते हैं, जबकि उनका अधिकांश धूल प्रदूषण और औद्योगिक उत्सर्जन दिल्ली से सटे इलाकों में केंद्रित है। मंत्री ने रेखांकित किया कि दिल्ली की सभी औद्योगिक इकाइयां अब पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) से चल रही हैं। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों को भी ऐसा करने के लिए कहा गया है, लेकिन काम की धीमी गति चिंताजनक है। दिल्ली ने आग्रह किया है कि औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इसे तेज किया जाए।
उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में केवल कुछ ही ईंट भट्टे जिगजैग तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, जबकि दिशानिर्देश बताते हैं कि प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होने पर डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, हरियाणा ने पिछले साल कुछ कॉलोनियों को डीजी सेट का उपयोग करने की अनुमति दी थी क्योंकि उनके पास बिजली की आपूर्ति नहीं थी। राय ने कहा कि हमने सुझाव दिया है कि ऐसे क्षेत्रों के लिए आपातकालीन व्यवस्था की जानी चाहिए।
Special appeal: दिल्ली में डीजल जनरेटर का इस्तेमाल करने वालों पर भी नजर
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने राजधानी में 125 केवीए और उससे अधिक क्षमता के डीजल जनरेटर का इस्तेमाल करने वालों को अक्टूबर के अंत तक अपने ‘डीजी सेट’ में उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण लगाने करने का निर्देश दिया है। प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने दो जुलाई को जारी एक आदेश का अनुस्मरण कराते हुए कहा कि ऐसे ‘डीजी सेट’ के मालिक अगर पहले नोटिस की तारीख से 120 दिनों के भीतर इसके निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण ने कहा कि डीजी सेट में लगने वाले उपकरणों को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की पांच प्रयोगशालाओं में से एक द्वारा मान्यता प्राप्त और कम से कम 70 प्रतिशत उत्सर्जन को कम करने में सक्षम होना चाहिए। ऐसे ‘डीजी सेट’ का इस्तेमाल करने वालों के पास गैस आधारित जनरेटर इस्तेमाल करने का भी विकल्प है।