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21 अगस्त को गिराए जाएंगे सुपरटेक के ट्विन टावर, नोएडा प्राधिकरण की बैठक में फाइनल हुआ प्लान

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नोएडा : सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर (एपेक्स-सियान) 21 अगस्त को दोपहर ढाई बजे तोड़े जाएंगे। ध्वस्तीकरण के दौरान करीब 300 मीटर ऊंचाई तक धूल का गुबार उठेगा। यह गुबार आसमान से छंटने में करीब 10 से 15 मिनट तक समय लेगा। ध्वस्तीकरण के दौरान 30 मिनट तक नोएडा ग्रेटर-नोएडा एक्सप्रेस-वे बंद किया जाएगा। इसे गिराने में करीब 3500 किलो विस्फोटक की जरूरत होगी। ध्वस्तीकरण के लिए एडफिस इंजीनियरिग और अफ्रीकन कंपनी जेट डेमोलिशन ने 88 प्रतिशत तक काम पूरा किया जा चुका है।

यह जानकारी से नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रस्तुतीकरण के दौरान सुपरटेक प्रबंधन समेत एडफिस इंजीनियरिग के प्रतिनिधियों ने दी। उन्होंने बताया कि टावर को अफ्रीकन कंपनी एडफिस व जेट डिमोलेशन संयुक्त रूप से ध्वस्त करेगी। बैठक में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ), गैस अथारिटी आफ इंडिया (गेल), अग्निशमन विभाग, नियोजन विभाग, एटीएस व सुपरटेक एमराल्ड एओए समेत 13 विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित अंतिम तिथि से एक सप्ताह पहले ध्वस्तीकरण कराया जाएगा। 20 दिन होगी चार्जिंग : दोनों टावरों को जियो टेक्सटाइल फाइबर से ढंका जा रहा है। इन फाइबर के ऊपर से सुराख कर इसमें बारूद को भरा जाएगा। इसे चार्जिंग कहते है। यह काम 20 दिन पहले शुरू होगा। पुलिस से फाइनल एनओसी विस्फोटक आने से पहले मिल जाएगी। छह किमी का एरिया होगा नो फ्लाइंग जोन : ध्वस्तीकरण के दौरान करीब 300 मीटर तक धूल का गुबार उठेगा। हवा की दिशा क्या होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। ऐसे में सुपरटेक ध्वस्तीकरण से एक माह पहले ही एयरपोर्ट अथारिटी को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने के लिए पत्र लिखेगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने में करीब एक माह का समय लगेगा। 21 अगस्त की सुबह खाली कराए जाएंगे टावर : सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दोनों टावर को ध्वस्त करने से पहले एमराल्ड कोर्ट के 15 और एसटीएस विलेज के टावरों को मिलाकर कुल 2600 परिवारों को सुबह ही अपने फ्लैटों को छोड़ना होगा। ध्वस्तीकरण के एक घंटे से डेढ़ घंटे बाद ही लोगों की वापसी उनके फ्लैटों में हो सकेगी। डिबरीस के 30 फीट तक रखे जाएंगे कंटेनर : ध्वस्तीकरण के दौरान मलबा सीधे परिसर में गिरे, इसके लिए चारों ओर 30 फीट यानी तीन फ्लोर तक कंटेनर रखे जाएंगे। इन कंटेनर में मलबा गिरेगा और वह बाहर नहीं जाएगा। बैठक के दौरान एओए को भी आश्वस्त किया गया कि उनको डरने की जरूरत नहीं है। 100 करोड़ का होगा बीमा : टावरों को ध्वस्तीकरण के दौरान किसी प्रकार के नुकसान न हो, इसके लिए 100 करोड़ का बीमा कराया जाएगा, ताकि यदि किसी प्रकार का नुकसान होता है तो उसकी भरपाई की जा सके। माह के अंत तक बीमा कराने का काम पूरा हो जाएगा। इसके लिए तीन कंपनियों से बातचीत जारी है। 30 जून तक उपलब्ध कराए प्री डिमोलेशन स्ट्रक्चरल रिपोर्ट : ध्वस्तीकरण के पहले प्री-डिमोलेशन स्ट्रक्चरल आडिट एडफिस इंजीनियरिग 30 जून तक केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) को उपलब्ध करा दें। कंपनी यूपीपीसीबी को कंस्ट्रक्शन एंड वेस्ट को वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करने का प्लान भी 30 जून तक उपलब्ध कराएगी। दोनों टावर के 50 मीटर की परिधि के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज एओए को उपलब्ध करा दें।

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