ग्रेटर नोएडा: करीब 22 साल पहले नौकरी से हटाए गए 240 माली और सफाई कर्मचारियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को बड़ा झटका दिया है। उच्चतम न्यायालय ने प्राधिकरण की तमाम याचिकाओं को खारिज करते हुए इन कर्मचारियों को 46 करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपये का भुगतान करने और फिर से नौकरी पर रखने का हाई कोर्ट का आदेश बहाल रखा है।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 अक्टूबर 2024 को दिए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया है। अब हाई कोर्ट का आदेश बहाल रहेगा।
2003 में 240 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया था
ग्रेनो अथॉरिटी में माली और सफाई का काम कर रहे कर्मचारियों ने परमानेंट करने की मांग उठाई थी। इसके बाद 2003 में प्राधिकरण ने 240 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया था। कई कर्मचारी हाई कोर्ट चले गए। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद कर्मचारियों के पक्ष में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।
हाई कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2024 को कर्मचारियों के पक्ष में आदेश दिया। प्राधिकरण हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चला गया। अब सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण की याचिका खारिज करते हुए कर्मचारियों को उनका भुगतान करने का आदेश दिया।।
यूनियन का आभार व्यक्त किया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ग्रेटर नोएडा माली एवं सफाई कामगार यूनियन ने अपनी जीत बताया। यूनियन के महामंत्री रामकिशन सिंह और मंत्री टीकम सिंह ने संघर्ष की इस लंबी यात्रा का जिक्र किया और सीटू के पदाधिकारियों, सपा नेता राजकुमार भाटी, इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता नरेश कुमार वर्मा और गोपाल नारायण और सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा, प्रेम मल्होत्रा, अनसुया, सिवान मैनी का आभार व्यक्त किया।