Home Breaking News सुप्रीम कोर्ट: पीएमएलए से जुड़ी याचिका अदालत ने की खारिज, पुराने फैसले की समीक्षा करने की थी मांग
Breaking Newsराष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट: पीएमएलए से जुड़ी याचिका अदालत ने की खारिज, पुराने फैसले की समीक्षा करने की थी मांग

Share
Share

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है। इस फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि आपराधिक साजिश मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत किसी अनुसूचित अपराध से संबंधित नहीं है तो आइपीसी की धारा 120बी को लागू करके पीएमएलए में मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। आइपीसी की धारा 120बी के तहत आपराधिक साजिश के तहत सजा का प्रविधान किया गया है।

जस्टिस अभय एस ओका और पंकज मित्तल की पीठ ने 29 नवंबर, 2023 के अपने फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि यह जरूरी नहीं है कि यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ पीएमएलए की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए हैं, तो उसे (पीएमएलए के तहत) अनुसूचित अपराध का आरोपित भी दिखाया जाए।

अपने हालिया आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करने का अनुरोध खारिज किया जाता है। हमने फैसले का अध्ययन किया है। रिकार्ड पर स्पष्ट रूप से कोई त्रुटि नहीं है। इसे देखते हुए इस पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं बनता है। पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिए अपने फैसले में पीएमएलए के प्रविधानों की व्याख्या की थी।

विधायिका की मंशा को स्पष्ट करते हुए इसने कहा था कि यदि किसी दंडात्मक कानून के किसी विशेष प्रविधान की दो व्याख्याएं की जा सकती हैं, तो अदालत को आम तौर पर उस व्याख्या को अपनाना चाहिए जो दंडात्मक परिणाम लागू करने से बचाती है। दूसरे शब्दों में अधिक उदार व्याख्या को अपनाए जाने की जरूरत है।

See also  तलाक लेकर जिस प्रेमी से की दूसरी शादी, उसी ने उसके दूधमुंहे बेटे को उतारा मौत के घाट

यह है मामला

अलायंस यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति के खिलाफ ईडी ने आइपीसी की धारा 120बी लागू करते हुए पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। जिन मामलों के तहत केस दर्ज किया गया, वे अनुसूचित अपराध नहीं थे। ईडी की कार्रवाई के खिलाफ आरोपित महिला ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन हाई कोर्ट ने मनी लांड्रिंग का केस रद करने से इनकार कर दिया। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। इसी मामले में सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह फैसला सुनाया।

Share
Related Articles
Breaking Newsव्यापार

क्या है ‘एक राज्य, एक RRB’ योजना? एक मई से बनने जा रही हकीकत; बैंकों पर क्या होगा असर

हैदराबाद: भारत सरकार की ‘एक राज्य-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक’ योजना 1 मई, 2025...

Breaking Newsखेल

PSL के खाली स्टेडियम में भी IPL की ही धूम, फैन ने ऐसे उठाया मैच का मजा

इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल का खुमार सब पर चढ़ा है. पूरी...