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अफगानिस्तान में तालिबान के काफिले पर जोरदार हमला, दो सैनिकों की मौत, 20 से अधिक लोग घायल

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काबुल। अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में तालिबान के सदस्यों को लेकर जा रहे काफिले पर हमला करने का मामला सामने आया है। टोलो न्यूज ने ट्वीट कर बताया, ‘अज्ञात लोगों ने हेरात शहर के केंद्र में तालिबान 207 अल-फारूक कार्प्स के सदस्यों को ले जा रही एक मिनीबस पर हमला कर दिया।’ टोलो न्यूज ने पश्तो में ट्वीट कर कहा, ‘अज्ञात बंदूकधारियों ने पश्चिमी हेरात प्रांत में अल-फारूक कार्प्स के एक काफिले पर हमला कर दिया है। स्थानीय अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने सुरक्षा बलों के हताहत होने के बारे में नहीं बताया।’

हेरात पुलिस के प्रवक्ता मोहम्मद शाह रसूल ने कहा कि हमलावरों में से एक हमलावर मारा गया है। जबकि कई लोग घायल हो गए।

  • मोहम्मद शाह रसूल ने बताया कि यह घटना सोमवार सुबह हेरात के चौथे पुलिस जिले में हुई जब अज्ञात बंदूकधारियों ने एक वाहन पर हमला कर दिया।
  • रसूल ने कहा कि हमले में एक हमलावर भी मारा गया है।
  • प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमले में दो सैनिक मारे गए हैं। जबकि 20 से अधिक सैनिक और नागरिक घायल हो गए हैं।
  • घायलों को हेरात केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया है।

दो जुलाई को स्कूल में हुआ था हमला

दो जुलाई को अफगानिस्तान के पूर्वी नंगरहार प्रांत के एक धार्मिक स्कूल में अज्ञात लोगों द्वारा हथगोला फेंके जाने से आठ लोग घायल हो गए थे। यह हमला राजधानी काबुल में तीन दिवसीय धार्मिक विद्वानों और बुजुर्गों की सभा के बीच हुआ, जिसका समापन शनिवार को होगा।

  • नंगरहार में पिछले सप्ताह हुए एक बम विस्फोट में कई नागरिक मारे गए और घायल हो गए।
  • अज्ञात हमलावरों ने जिला स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख को निशाना बनाकर यह हमला किया।
  • जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है, तब से विस्फोट और हमलों मेंं नागरिकों की निरंतर हत्या, मस्जिदों और मंदिरों को नष्ट करना, महिलाओं पर हमला करना और क्षेत्र में आतंक को बढ़ावा देना एक रूटीन बन गया है।
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अफगानिस्तान सबसे खराब मानवीय संकट का सामना कर रहा है, जिसमें आधी से अधिक आबादी को सहायता की आवश्यकता है। आठ मिलियन से अधिक लोग भूख से मर रहे हैं।

‘समावेशी सरकार की स्थापना’ मान्यता लेने के लिए पहली शर्त

तालिबान, जो अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिए बेताब हैं, उसे बार-बार याद दिलाया जा रहा है कि महिलाओं और मानवाधिकारों का सम्मान, एक समावेशी सरकार की स्थापना, और आतंकवाद की निंदा अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा निर्धारित मान्यता के लिए पहली शर्त हैं।

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