Home Breaking News डायबिटीज़ मैनेज करने में काफी काफी हद तक मददगार साबित हो रहा है टेलीकंसल्टेशन
Breaking Newsलाइफस्टाइलस्वास्थ्य

डायबिटीज़ मैनेज करने में काफी काफी हद तक मददगार साबित हो रहा है टेलीकंसल्टेशन

Share
Share

नई दिल्लीI क्रॉनिक बीमारियों में शामिल डायबिटीज की नियमित जांच जरूरी है, क्योंकि इससे ब्लड ग्लूकोज के उतार-चढ़ाव को ट्रैक कर कंट्रोल करने के उपाय किए जा सकते हैं। जांच या उपचार में किसी भी प्रकार की देरी डायबिटीज के जोखिम को और ज्यादा बढ़ा सकती हैं। तो इसके लिए हर बार डॉक्टर के पास जाना पॉसिबल नहीं हो पा रहा है तो टेलीकंसल्टेशन का भी ऑप्शन है आपके पास। जो बहुत ही हेल्पफुल साबित हो रहा है।

डॉ.अंबरीश मित्तल, चेयरमैन एवं हेड- एंडोक्राइनोलॉजी एवं डायबेटोलॉजी, मैक्स हेल्थकेयर का कहना है, “पिछले साल टेलीकंसल्टेशन में 500% का उछाल देखा गया और डायबिटीज केयर में टेलीकंसल्टेशन रोगियों को सशक्त बना रहा है। साथ ही यह देखना बड़ा ही सुखद अनुभव है कि साल 2020 में लगभग 44% टेलीकंसल्टेशन गैर-मेट्रो शहरों से थे, इससे यह पता चलता है कि टेलीकंसल्टेशन में वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं।”

डॉ. मित्तल कहते हैं, “पिछले 2 सालों से सभी 80% टेलीमेडिसिन उपयोगकर्ताओं ने आमतौर पर इसका अनुभव किया है। महामारी की वजह से देशभर में डिजिटल को तेजी से अपनाने से टेलीकंसल्टेशन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। तकनीक ने लोगों को अपने डायबिटीज को मैनेज करने का आत्मविश्वास दिया है। वे डॉक्टर के साथ मिलकर सावधानीपूर्वक निर्णय ले रहे हैं।“

मॉनिटरिंग टूल्स की उपलब्धता

यूजर्स के लिये ग्लूकोज पर निगरानी रखने वाले ऐसे डिवाइस तैयार किए गए हैं जिससे वे अपने ग्लूकोज रीडिंग को अधिक आसानी से और बार-बार जांच सकें। फ्री स्टाइल लिब्रे जैसे निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस लोगों को उनके ब्लड ग्लूकोज के स्तर पर नजर रखने और वांछित ग्लाइसेमिक रेंज में बिताए गए समय की गणना करने में मदद करते हैं। ये उपकरण न केवल उपयोगकर्ता को तत्काल ग्लूकोज परिणाम दिखाते हैं बल्कि ये भी बताते हैं कि कहां ग्लूकोज का स्तर बढ़ रहा है।

See also  मेयोनेजी से बने ये फेस मास्‍क करेंगे स्‍किन की हर प्रॉब्लम का इलाज

देखभाल से रोगियों को जोड़े रखना

डायबिटीज की देखभाल में टेलीकंसल्टेशन रोगियों को दिन-ब-दिन सशक्त बना रहा है। अब पेशेंट्स को हेल्थ, उससे जुड़े डिवाइसेज़ और कार्यक्रम को लेकर बहुत ज्यादा जागरूक हो चुके हैं। डॉ. अंबरीश मित्तल यह भी कहते हैं,”ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस की मदद से उपयोगकर्ता वास्‍तविक समय में डॉक्टर के साथ स्वत: ही ग्लूकोज डेटा साझा कर सकते हैं, जिससे रोगियों और डॉक्टर्स को ज्यादा जानकारीप्रद निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इससे रोगियों को इन रीडिंग्स के माध्यम से आहार, शारीरिक गतिविधियों और दवाओं को तय करने में मदद मिलेगी।”

टेलीकंसल्टेशन में देश में डायबिटीज की देखभाल में मौजूदा अंतर को भरने की क्षमता है। डायबिटीज की देखभाल तक पहुंच के साथ, देश के दूर-दराज के हिस्सों में बैठे लोग सबसे बेहतर डॉक्टरों की सेवाओं और गुणवत्तापूर्ण देखभाल का लाभ उठा सकते हैं। यह लाभ महामारी के बाद भी लंबे समय तक बना रहेगा।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरग्रेटर नोएडा

नोएडा के डूब क्षेत्र में बुलडोजर ऐक्शन, 115 करोड़ की जमीन कराई खाली; महिलाओं ने किया विरोध

ग्रेटर नोएडा।  गौतमबुद्ध नगर में प्राधिकरणों की अधिसूचित जमीन पर धड़ल्ले से कॉलोनाइजर...

Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

इजराइल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ : पहलगाम आतंकी हमले पर इजराइली राजदूत

इजराय: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए “घृणित” आतंकवादी हमले की भारत...