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जांजगीर के बोरवेल में गिरे बच्चे की मुश्किल में सांसें, 80 घंटे से अभियान जारी, बचाव अभियान में चट्टान बनी रुकावट

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जांजगीर: छत्तीसगढ़ में जांजगीर जिले केपिहरीद गांव में गत शुक्रवार शाम बोरवेल में गिरे 10 वर्षीय बालक राहुल साहू को बचाने केलिए प्रयास जारी हैं। पहले उसे रस्सी डालकर निकालने की कोशिश की गई। फिर बोरवेल के समीप से करीब 60 फीट गढ्डा खोदा गया। इसके बाद गुजरात की रोबोटिक टीम भी लगी, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। रविवार देर रात से सुरंग बनाकर राहुल तक पहुंचने की कोशिश शुरू हुई, लेकिन अब सामने बड़ी चट्टान आ गई है, जिसकी वजह से रेस्क्यू टीम पूरी सावधानी से आगे बढ़ रही है। सोमवार शाम तक टीम राहुल के करीब तीन फीट दूरी पर पहुंच गई थी। लेकिन, सुरंग में चट्टान आ जाने से रेस्क्यू की गति धीमी हो गई है।

बचाव अभियान लगातार जारी

जांजगीर एसपी, विजय अग्रवाल ने बताया कि रेस्क्यू आपरेशन काफी क्रिटिकल है। यह अब हमारे लिए एक मिशन बन गया है, यहां लगभग 150 अधिकारी तैनात हैं। वहीं, जांजगीर के कलेक्टर, जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि 80 घंटे से बचाव अभियान चल रहा है लेकिन बहुत जल्द हम राहुल को बचाने में सफल होंगे। उनकी तबीयत अब बेहतर है। सीएम भूपेश बघेल लगातार वीडियो काल के जरिए हालात पर नजर बनाए हुए हैं

एम्बुलेंस, स्ट्रेचर, डाक्टर सभी हैं तैयार

मशीन चलने पर बोरवेल के ऊपरी हिस्से तक कंपन होने के कारण अब फिर से हाथ वाली मशीन से सुरंग बनाई जा रही है। उधर, बोरवेल में जलस्तर बढ़ने से भी प्रशासन चिंतित है। गांव के सभी बोरवेल को चालू करा दिया गया है, ताकि पानी की स्तर नीचे हो जाए। वहीं, पास के गांव करौवाडीह और कचंदा के स्टापडेम से भी गेट खोलकर पानी को छोड़ा जा रहा है। इधर, मेडिकल टीम भी मौके पर तैनात है। एम्बुलेंस, स्ट्रेचर, डाक्टर सभी तैयार हैं। सबको राहुल के निकलने का इंतजार है। इस बीच राहुल को केला, सेब, जूस आदि दिया गया। आक्सीजन भी उपलब्ध कराई जा रही है। वह हलचल कर रहा है। डाक्टरों की टीम उस पर नजर रखे हुए है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही वह सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

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अत्याधुनिक कैमरे से हो रही है जांच

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर जानकारी दी कि एनडीआरएफ (NDRF)के जवान इस वीएलसी (VLC) कैमरे की जांच कर आवश्यक तैयारी कर रहे हैं। इस अत्याधुनिक उपकरण की मदद से दीवार या चट्टानों के उस पार देखा जा सकता है और आने वाली आवाजों को सुना भी जा सकता है। कैमरे की मदद से रेस्क्यू को और आसान बनाया जाएगा।

बालक केवल खा रहा है फल

अंदर तापमान कम होने से सुरक्षित है बोर के अंदर का तापमान बाहर की अपेक्षा कम है। इसके चलते बालक को अधिक परेशानी नहीं हो रही है। नीचे पानी भी है और मिट्टी में नमी, जिस कारण ही तापमान कम है। इस संबंध में सिविल सर्जन डा. एके जगत का कहना है कि पानी और गहराई के कारण तापमान बाहर से बहुत कम होगा। इसके चलते बालक गर्मी व लू जैसे खतरों से दूर है। आक्सीजन ऊपर से दी ही जा रही है, जिस कारण वह ठीक से सांस भी ले पा रहा है। बालक केवल फल खा रहा है, इसलिए शौच को लेकर भी ज्यादा समस्या नहीं है। शरीर का पानी भी पसीना व पेशाब के माध्यम से निकल जा रहा है।

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