यूपी विधानसभा शुक्रवार को कोर्ट में बदल गई. इस दौरान उन 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विधानसभा में सुनवाई हुई, जिन्हें विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का दोषी पाया गया. दोषी पुलिसकर्मियों ने अपने आचरण के लिए माफी मांगी. संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने 6 आरोपियों के लिए 1 दिन का कारावास प्रस्तावित किया. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने दोषियों को सजा सुनाई.
इस दौरान कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने दोषियों के लिए 1 दिन की जगह कुछ घंटों के कारावास की अपील की. जिस पर सदन के विधायकों के असहमति जताई. सुरेश खन्ना ने कहा कि अध्यक्ष के कहने के बाद अब बदलाव नहीं हो सकता है.
विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए दोषी पुलिसकर्मियों को 1 दिन का कारावास की सजा सुनाई. विधानसभा परिसर में ऊपर बने सेल में सभी आरोपियों को आज रात 12 बजे तक के कारावास की सजा सुनाई गई है.
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हालांकि इस दौरान समाजवादी पार्टी के विधायक सदन में मौजूद नहीं थे. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी सदन में मौजूद नहीं थे, जब विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को बोलने के लिए कहा, लेकिन किसी के ना बोलने पर प्रस्ताव को समर्थित मान लिया गया.
क्या है मामला
ये मामला साल 2004 का है. तब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. बिजली कटौती के मामले को लेकर भाजपा विधायक और नेता धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान पुलिस ने बीजेपी विधायकों और नेताओं पर लाठीचार्ज किया था. लाठीचार्ज से भाजपा विधायक सलिल विश्नोई की टांग टूट गई थी. इसके बाद विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का मामला चला था, जिसमें 6 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए थे.