ग्रेटर नोएडा। ग्रेनो वेस्ट की पंचशील ग्रींस वन सोसाइटी के टावर एफ-3 में एक लिफ्ट में महिला और दो बच्चे करीब 15 मिनट तक फंसे रहे। आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों को आपातस्थिति में लिफ्ट खोलना नहीं आता है। लिफ्ट स्वयं पहली मंजिल पर जाकर रुकी, उसके बाद तीनों बाहर निकल सके। पीड़ित ने एओए से इसकी शिकायत की है।
निवासियों ने बताया कि बृहस्पतिवार की दोपहर टावर एफ-3 में रहने वाली एक महिला अपने दो बच्चों के साथ लिफ्ट में जा रही थी। जैसे ही लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर से ऊपर चली तो ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर के बीच अटक गई। महिला और बच्चों ने अंदर से शोर मचाया, लेकिन काफी देर बाद मदद मिली। सुरक्षाकर्मी ने किसी तरह गेट खोला तो लिफ्ट बीच में रुकी थी। कुछ देर बाद लिफ्ट चलकर पहली मंजिल पर पहुंची। तब बच्चे व महिला बाहर निकल सके। निवासियों का आरोप है कि लिफ्ट में फंसने की घटना आए दिन हो रही है, लेकिन रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गौरीकुंड हादसे में तीन शव बरामद, 19 लोग लापता, सीएम धामी ने कंट्रोल रूम से संभाला मोर्चा
सुविधा के बजाय सिरदर्द बनती जा रही लिफ्ट
ग्रेटर नोएडा। बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले निवासियों की सुविधा के लिए लगाई गई लिफ्ट अब सिरदर्द बनती जा रही है। शौक और रुआब से जिन लिफ्ट में लोग आना-जाना करते थे, अब बुजुर्ग और बच्चे जाने से डरने लगे हैं। अभिभावक भी बच्चों को अकेले लिफ्ट से भेजना महफूज नहीं समझ रहे हैं। इन घटनाओं के पीछे बिल्डर और आरडब्ल्यूए की लापरवाही और उचित देखरेख न होना माना जा रहा है। यह समस्या केवल आवासीय बहुमंजिला भवनों में ही नहीं है, बल्कि व्यावसायिक भवनों में भी परेशानी बनी हुई है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा में छोटी-बड़ी करीब 300 सोसाइटियां हैं, जबकि करीब 200 व्यावसायिक भवन हैंं, जिनमें लिफ्ट का प्रयोग किया जा रहा है।