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3.54 करोड़ की लागत से बना ओवरहेड टैंक फटा, बाल-बाल बचे ग्रामीण, पहली बार भरा गया था पानी

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ईसानगर (लखीमपुर)। शेखपुर गांव में छह माह पहले जल जीवन मिशन के तहत बनी पानी की टंकी का निचला हिस्सा फट गया। गांव के लोग घरों में बैठे थे, टींकी फटने से वह घरों से निकल आए। कुछ जागरूक लोगों ने इसका वीडियो बनाकर इंटरनेट पर प्रसारित क दिया। टंकी से निकल रही पानी की तेज धार से गांव व खेत जलमग्न हो गए। लोगों में भगदड़ मच गई। खेती में रखा गेहूं भी खराब हुआ ह।

शनिवार दोपहर को तेज धमाके के पानी की टंकी फटने पर ग्रामीणों ने कार्यदायी संस्था पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। बताया जाता है कि जल जीवन मिशन के तहत कार्यदायी संस्था (बीटीएल) द्वारा साढ़े तीन करोड़ की लागत से पानी की टंकी बनाई गई। इसका अभी ट्रायल का काम चल रहा है।

सोलर पैनल ध्वस्त

शनिवार को पानी की टंकी का ओवरहेड टैंक तेज धमाके के साथ फट गया। संयोग रहा कि उस समय टंकी के आसपास कोई नही था। उसका पानी परिसर की दीवार तोड़कर पास के ग्रामीण रोशन लाल के खेत गेंहू के खेत मे गेंहू की फसल को डुबोते बह गया। साथ ही टंकी के मलवे ने टंकी परिसर में लगे सोलर पैनल को ध्वस्त कर दिया।

टंकी निर्माण में बहुत ही घटिया काम कराया गया: ग्रामीण

ग्राम प्रधान ने प्रशासन समेत जिले में डीएम को इसकी सूचना दी। ग्रामीणों के अनुसार टंकी निर्माण में बहुत ही घटिया काम कराया गया। ओवरहेड टैंक के लिए बना लोहे की चादर का टैंक बहुत ही घटिया बनाया गया। टैंक को बनाने में मानकों को पूरी तरह से दरकिनार किया गया था ।

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बताया जा रहा है कि इस टंकी से शेखपुर सुल्तानापुर संडौराखुर्द सहित पांच गांवों को जलापूर्ति होनी थी। टंकी का निर्माण अक्टूबर 2022 मे प्रारंभ किया गया था। लोग बताते हैं कि ठेकेदार द्वारा अफरातफरी के माहौल मे टंकी का निर्माण कराकर सप्लाई शुरू कर दी थी।

ग्राम प्रधान ने बताया कि बार-बार कार्यदायी संस्था के लोग पानी की टंकी को हैंडओवर करने का दबाब बना रहे थे। लेकिन अपूर्ण होने के कारण अभी तक हैंडओवर नहीं ली गई। कार्यदायी संस्था के लोग ग्रामीणों का सामना नही कर पा रहे थे। वह सभी का जवाब देने से बराबर बचते रहे।

इधर, जल निगम के अधिशाषी अभियंता वाईके नीरज का कहना है कि पानी की टंकी हैंडओवर नहीं ली गई थी, इसलिए संस्था को दोबारा कार्य कराना होगा। उन्होंने कहा कि छह माह टंकी फटने के मामले की जांच कराई जाएगी।

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