नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोप में दक्षिणी दिल्ली जिले के हौजखास के सब-रजिस्ट्रार डीसी साहू को बर्खास्त कर दिया है। उपराज्यपाल की संस्तुति के बाद मुख्य सचिव नरेश कुमार की ओर से 21 जून को इसके आदेश जारी किए गए हैं। डीसी साहू ग्रेड-1 दास अधिकारी हैं। आदेश में कहा गया है कि डीसी साहू को सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना संबंधित हेडक्वार्टर छोड़ने की इजाजत नहीं होगी।
ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर स्थित चिराग दिल्ली श्मशान भूमि के पास स्थित 1,250 गज की सरकारी जमीन को कुछ लोगों ने जालसाजी करके अपने नाम करवा लिया था। आरोप है कि फिर डीडीए और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर इसे बेच दिया था गया था। इससे चिराग दिल्ली और पंचशील के लोगों में रोष था।
लोगों ने इसकी शिकायत विधायक सौरभ भारद्वाज से की तो उन्होंने विधानसभा समिति में इसकी जांच शुरू करवाई। जांच के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर इस जमीन की रजिस्ट्री करने वाले सब-रजिस्ट्रार डीसी साहू को बर्खास्त करते हुए उनके खिलाफ एफआइआर के आदेश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि यह जमीन करीब 50 करोड़ रुपये मूल्य की है। इसे चिराग दिल्ली निवासी एक महिला ने रोहतक में रहने वाले एक व्यक्ति को बेच दी थी। इन दोनों पर भी एफआइआर कराई जाएगी।
जमानत याचिका खारिज
पटियाला हाउस कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। इस मामले में टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि अतिशय यौन इच्छाओं वाला व्यक्ति कभी भी अपनी आपराधिक गतिविधियों से दूर नहीं हो पाता है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने कहा कि इस तरह के गैरकानूनी हमलों के खिलाफ कानून हमेशा कमजोर और असहाय लोगों के बचाव के लिए है। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि युवक ने शादी का झूठा वादा कर महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसने अपना असली नाम, अपनी वैवाहिक स्थिति और अपने बच्चों के बारे में भी जानकारी छिपाई।
अदालत ने कहा कि वह व्यक्ति जांच में शामिल होने से बच रहा है और विदेश भाग गया है। उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। अदालत ने अतिरिक्त लोक अभियोजक की दलीलों से सहमत होते हुए कहा कि दुष्कर्म के अपराध के अलावा, धोखाधड़ी का अपराध भी इस मामले में किया गया प्रतीत होता है। हालांकि आरोपित के वकील ने कहा कि उसके मुवक्किल पर झूठा आरोप लगाया गया है। उसने पीड़िता से अपनी वैवाहिक स्थिति और बच्चों के बारे में बताया था।