रुदौली: रविवार की सिद्धपीठ कामाख्या धाम में हुई एक शादी चर्चा में हैं। इसमें दूल्हा 65 और दुल्हन 23 वर्ष की है। मंदिर परिसर में जोड़े को देखकर हर कोई अचंभित जरूर हुआ, लेकिन स्वजनों की रजामंदी और उनकी मौजूदगी में हिंदू रीति रिवाज व विधि विधान से शादी संपन्न हुई।
बाराबंकी जिले के सुबेहा के चौधरी का पुरवा मजरे जमीन हुसैनाबाद के 65 वर्षीय नकछेद यादव ने झारखंड के रांची निवासी 23 वर्षीय नंदनी यादव से मां कामाख्या मंदिर में सात फेरे लिए। नकछेद की पहली पत्नी की मौत हो गई थी। पहली पत्नी से उनके छह पुत्रियां हुईं। सभी की शादी करने के बाद बेटियां ससुराल में रहने लगी और वह घर पर अकेले रह गए।
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दूल्हा बने नकछेद ने बताया कि उन्होंने अकेलापन दूर करने के लिए नंदिनी से शादी रचाई है। हाल ही में वह रांची गए थे। वहां पर इनकी मुलाकात नंदिनी से हुई। नंदिनी के स्वजनों की अनुमति से वह उसको लेकर बाराबंकी आए। रविवार को दोनों ने कामाख्या मंदिर में सात फेरे ले लिए।