Home Breaking News नई दिल्ली. जल्द ही सुप्रीम कोर्ट को दो और जज मिलने वाले हैं. देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने गुरुवार को दो उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की पदोन्नति की सिफारिश की है. सरकार की ओर से इसकी मंजूरी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति होगी. हाईकोर्ट के जिन न्यायाधीशों को पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट के लिए सिफारिश किया हैं उनमें गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया (Sudhanshu Dhulia) और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जमशेद बुर्जोर परदीवाला (Jamshed Burjor Pardiwala)शामिल हैं. अब ये सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे. सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत जजों की संख्या 34 है. लेकिन कई बार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों ने इसकी संख्या बढ़ाने के लिए सरकार से गुजारिश की है. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भी कई मौके पर कहा है कि देश में लंबित पड़े मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बहुत कम है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाई जाए. क्योंकि कई देशों में सर्वोच्च न्यायालय में जजों की अधिकतम आयु सीमा काफी है. सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में कोलेजियम करती है. कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट में भी जजों की कमी पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट के लिए 54 नामों की सिफारिश सरकार के पास भेजी जा चुकी है लेकिन निर्णय लंबित है. तीन महीने में बदलेंगे तीन चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को रिटायर होंगे. उसके बाद जस्टिस उदय यू. ललित मुख्य न्यायाधीश बनेंगे लेकिन उनका कार्यकाल सिर्फ दो ही महीने का रहेगा. इसके बाद 8 नवंबर को जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ देश के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. वे करीब दो साल तक चीफ जस्टिस रहेंगे. इस तरह देखा जाए तो 76 दिनों के अंतराल पर देश को तीन चीफ जस्टिस देखने को मिलेंगे. वहीं अगर देश की अदालतों में लंबित मामलों की बात करें तो जिला और निचली अदालतों में 4 करोड़ 9 लाख 85 हजार मामले लंबित है. इनमें से कई मामले 30-30 साल पुराने हैं. वहीं विभिन्न हाईकोर्टों में करीब 58 लाख मामले लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में भी 70 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं.
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नई दिल्ली. जल्द ही सुप्रीम कोर्ट को दो और जज मिलने वाले हैं. देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने गुरुवार को दो उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की पदोन्नति की सिफारिश की है. सरकार की ओर से इसकी मंजूरी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति होगी. हाईकोर्ट के जिन न्यायाधीशों को पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट के लिए सिफारिश किया हैं उनमें गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया (Sudhanshu Dhulia) और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जमशेद बुर्जोर परदीवाला (Jamshed Burjor Pardiwala)शामिल हैं. अब ये सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे. सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत जजों की संख्या 34 है. लेकिन कई बार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों ने इसकी संख्या बढ़ाने के लिए सरकार से गुजारिश की है. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश भी कई मौके पर कहा है कि देश में लंबित पड़े मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बहुत कम है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाई जाए. क्योंकि कई देशों में सर्वोच्च न्यायालय में जजों की अधिकतम आयु सीमा काफी है. सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में कोलेजियम करती है. कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट में भी जजों की कमी पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट के लिए 54 नामों की सिफारिश सरकार के पास भेजी जा चुकी है लेकिन निर्णय लंबित है. तीन महीने में बदलेंगे तीन चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को रिटायर होंगे. उसके बाद जस्टिस उदय यू. ललित मुख्य न्यायाधीश बनेंगे लेकिन उनका कार्यकाल सिर्फ दो ही महीने का रहेगा. इसके बाद 8 नवंबर को जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ देश के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. वे करीब दो साल तक चीफ जस्टिस रहेंगे. इस तरह देखा जाए तो 76 दिनों के अंतराल पर देश को तीन चीफ जस्टिस देखने को मिलेंगे. वहीं अगर देश की अदालतों में लंबित मामलों की बात करें तो जिला और निचली अदालतों में 4 करोड़ 9 लाख 85 हजार मामले लंबित है. इनमें से कई मामले 30-30 साल पुराने हैं. वहीं विभिन्न हाईकोर्टों में करीब 58 लाख मामले लंबित है. सुप्रीम कोर्ट में भी 70 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही 34 जज (मुख्य न्यायाधीश समेत) होंगे। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने गौहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुधांशु धूलिया और गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश जमशेद बी पारदीवाला को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत करने की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट में जजों की अधिकतम स्वीकृत संख्या 34 है।

अल्पसंख्यक समुदाय के दूसरे जज होंगे पारदीवाला

अगर केंद्र सरकार ने सिफारिश को मंजूर कर लिया तो जस्टिस पारदीवाला भविष्य में देश के प्रधान न्यायाधीश भी बनेंगे। शीर्ष कोर्ट का न्यायाधीश बनने वाले जस्टिस पारदीवाला पारसी समुदाय से चौथे व्यक्ति होंगे। पिछले पांच साल में सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाले पारदीवाला अल्पसंख्यक समुदाय के दूसरे जज होंगे। जस्टिस पारदीवाला ने वलसाड के जेपी कालेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह 1994 में गुजरात बार काउंसिल के सदस्य बने।

उत्तराखंड हाई कोर्ट से दूसरे जज होंगे धूलिया

वहीं उत्तराखंड हाई कोर्ट से शीर्ष अदालत में पदोन्नत होने वाले जस्टिस सुधांशु धूलिया दूसरे जज होंगे। गौहाटी हाई कोर्ट से पहले जस्टिस धूलिया उत्तराखंड हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं। वह उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के एक सूदूरवर्ती गांव से ताल्लुक रखते हैं। उनके दादा भैरव दत्त धूलिया स्वतंत्रता सेनानी थे। जस्टिस धूलिया सैनिक स्कूल लखनऊ के छात्र रहे हैं। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक हैं। वह 1986 में इलाहाबाद हाई कोर्ट बार के सदस्य बने। जस्टिस धूलिया फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धूलिया के भाई हैं।

इस साल तीन प्रधान न्यायाधीश देखेगा देश

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा की अध्यक्षता में हुई कोलेजियम की बैठक में इन नामों को मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजने का निर्णय लिया गया। कोलेजियम के अन्य सदस्य वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित और एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव हैं। इस वर्ष देश तीन प्रधान न्यायाधीशों को देखेगा। वर्तमान प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे। इसके बाद जस्टिस उदय उमेश ललित प्रधान न्यायाधीश बनेंगे। जस्टिस ललित के सेवानिवृत्त होने के बाद नवंबर में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ प्रधान न्यायाधीश बनेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल लगभग दो वर्ष का होगा।

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