दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शादी का झांसा देकर महिला से शारीरिक संबंध बनाने के एक आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. मालूम हो कि आरोपी पहले से शादीशुदा है. अदालत ने कहा कि व्यक्ति ने ‘हर बार’ महिला को धोखा दिया. न्यायालय ने उसे भगोड़ा अपराधी करार देते हुए कहा कि वह राहत पाने का हकदार नहीं हैं. न्यायमूर्ति योगश खन्ना ने कहा, ‘याचिकाकर्ता ने हर बार पीड़िता को धोखा दिया है, जिसपर विचार करते हुए इन परिस्थितियों में वह अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं है. क्योंकि वह जांच में शामिल नहीं हुआ है, इसलिए उसे भगोड़ा अपराधी घोषित किया जाता है.’
आरोपी ने इस डर से अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी कि उसे इस साल वसंत कुंज थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार होने की आशंका है. महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि अक्टूबर 2018 से शादी के बहाने उसका शोषण किया जा रहा था. आरोपी ने अपनी याचिका में कहा कि वे एक वैवाहिक वेबसाइट के जरिए संपर्क में आए थे और दोनों के बीच सहमति से शारीरिक संबंध बने थे.
याचिका में दावा किया गया है कि इसके बाद वे दिल्ली से बाहर चले गए और 2019 में फिर से सहमति से संबंध बनाए. महिला को पता था कि उसने पत्नी से तलाक नहीं लिया है, फिर भी उसने सहमति से उसके साथ संबंध बनाना जारी रखा और उसके कृत्य को माफ कर दिया. याचिकाकर्ता ने कहा कि अब महिला यह दलील नहीं दे सकती कि वह निर्दोष है और उसने उसे धोखा दिया है, क्योंकि उसने फरवरी तक सहमति से उसके साथ संबंध बनाए थे.
हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि प्राथमिकी से पता चलता है कि उस व्यक्ति ने यह गलत जानकारी दी कि वह तलाकशुदा है और उसकी पत्नी व बच्चे कनाडा में रहते हैं. अदालत ने कहा कि शुरुआत से ही गलत बयानी/ गलत धारणा रही और झूठे वादे करके महिला से यौन संबंध बनाए गए.