दनकौर: कस्बे की नगर पंचायत का गठन हुए करीब 94 वर्ष बीत गए, लेकिन अव्यवस्था जस की तस है। कई अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारियों ने कुर्सी संभाली, लेकिन अधिकांश ने व्यवस्था के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की। कस्बे में इन दिनों काफी गंदगी पसरी है, पर नगर पंचायत प्रशासन बेफिक्र बना है। कस्बे के विभिन्न चौराहों, तिराहों और मुख्य रास्तों पर गंदगी का ढेर लगा है। ऐसा तब है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से स्वच्छ भारत अभियान पर खूब जोर दिया जा रहा है। कस्बा के लंबा बाजार, टिन का बाजार, सुनारों वाली गली आदि मुख्य स्थानों पर स्वच्छता को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। उधर, कस्बे के दीनदयाल चौराहे पर कचरे का ढेर लगा है। इस कूड़े को बेसहारा पशु व अन्य जानवर सड़क पर फैला देते हैं। इससे राहगीर, आसपास के दुकानदार और ठेली-खोमचा वाले काफी परेशान हैं।
खुले में कचरा फेंकने से राहगीर परेशान : दनकौर नगर पंचायत का गठन वर्ष 1928 में हुआ था। इसके बाद भी कचरा निस्तारण को डंपिग ग्राउंड नहीं बना है। काफी समय से नगर पंचायत द्वारा कार्यालय के नजदीक कस्बे के मध्य स्थित एक स्थान पर कचरा फेंका जाता है। यहां दुर्गंध से परेशान होकर लोगों ने इसका विरोध किया था। वर्तमान में नगर पंचायत तिरंगा चौक के बिल्कुल नजदीक मुख्य सड़क के किनारे खुले में कचरा फेंक रहा है। ऐसे में थोड़ी-सी हवा चलने पर भी यहां से दुर्गंध उठने लगती है। यह कचरा उड़कर मुख्य रास्ते पर आ जाता है। इससे राहगीरों का यहां से होकर गुजरना मुश्किल हो गया है।
कस्बे में सफाई के बाद सफाईकर्मी गाड़ी में डालने से पहले कचरा एकत्र कर देते हैं। इसे थोड़ी देर बाद ही उठा लिया जाता है। काफी समय से डंपिग ग्राउंड के लिए शासन से मांग की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही जगह मिल जाएगी।
– सीमा राघव, अधिशासी अधिकारी, दनकौर।