ग्रेटर नोएडा। देश की राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर के गांव तुस्याना में हुए भूमि आवंटन घोटाले में स्पेशल टास्क फोर्स ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने तुस्याना भूमि घोटाले में आरोपित भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी धर दबोचा। इसके अलावा कैलाश भाटी के दो अन्य साथी कमल और दीपक को भी गिरफ्तार किया गया है। यह भूमि घोटाला 150 करोड़ रुपये का था।
संपन्न लोगों ने लिया था पट्टा, लाभार्थी रह गए वंचित
आरोप है कि तुस्याना गांव में फर्जी तरीके से भूमि के पट्टे आवंटित किए गए थे। जब भूमि घोटाला हुआ था तो कैलाश भाटी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बतौर वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर तैनात था। जांच के दौरान भूमि घोटाले में उसकी अहम भूमिका का खुलासा हुआ था। इसमें पाया गया था कि जिन्हें लाभ मिलना था वे तो वंचित रह गए, लेकिन संपन्न लोगों ने गड़बड़ी कर पट्टा हासिल कर लिया।
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नियमों को दरकिनार कर दिए गए थे पट्टे
जांच में यह भी सामने आया था कि पट्टा आवंटन में पात्रता के सभी नियम तार-तार हो गए थे। कुलमिलाकर पात्र लोगों को कुछ नहीं मिला और गलत तरीके से लोगों को पट्टे का आवंटन कर दिया गया। इतना ही नहीं, ग्रामीणों के साथ बाहर के लोगों ने मिलीभगत कर पट्टा ले लिया। इसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की भी भूमिका थी, क्योंकि बड़ी मिलीभगत के बगैर इतना बड़ा घोटाला संभव ही नहीं था।
शासन के निर्देश पर जांच कर रही एसआइटी
जांच में यह भी सामने आया था कि कुछ पट्टेधारकों ने पट्टे की जमीन का मुआवजा उठाने के साथ-साथ छह प्रतिशत का प्लाट भी ले लिया था। उन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी चूना लगा दिया था। फर्जीवाड़े में कई पूर्व प्रधानों की भूमिका सामने आई है। एक अन्य गांव के प्रधान की भी भूमिका सामने आई थी। शासन ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है।