इंडियाना। अब इंडियाना में भी मशहूर चीनी सोशल मीडिया ऐप “टिकटॉक” पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। तकनीकी विभाग के प्रवक्ता ग्रेग लबसेन ने गुरुवार को बताया कि 7 दिसंबर से टिकटॉक को उनके देश के सिस्टम व उपकरणों में इस्तेमाल होने से रोक लगा दी गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ऐप पर प्रतिबंधता बरकरार रखने के लिए अपने सिस्टम की लगातार टेस्टिंग कर रही है।
अटॉर्नी जनरल ने किया था मुकदमा
इंडियाना के अटॉर्नी जनरल टॉड रोकिता ने टिकटॉक पर मुकदमा दायर किया था। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि यह वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म अनुचित कंटेंट और उपभोक्ता जानकारी की सुरक्षा को लेकर अपने यूजर्स को गुमराह करता है। विशेष रूप से बच्चे इसका शिकार होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सोशल वीडियो ऐप के मुताबिक यह 13 साल और उससे अधिक उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित है लेकिन इसमें दिन-रात हमेशा युवा यूजर्स के लिए असीमित गंदे कंटेंट उपलब्ध रहते हैं। ऐसा करके टिकटॉक अमेरिकी उपयोगकर्ताओं से अरबों रुपये अपनी जेब में भरता है। वहीं, एक महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि ऐप में उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील व व्यक्तिगत जानकारी है लेकिन कंपनी यूजर्स को गलत बताती है कि उनकी जानकारी सुरक्षित है।
बात कर रहे हैं ऋषभ पंत, खतरे से हैं बाहर, अस्पताल के डॉक्टरों ने दिया बड़ा अपडेट, जानिए- क्या कहा?
अमेरिकी सेना में भी टिकटॉक पर प्रतिबंध
बता दें कि टिकटॉक का मालिकाना अधिकार एक चीनी कंपनी बाइटडांस के पास है। इसने 2020 में अपना मुख्यालय सिंगापुर में स्थानांतरित कर दिया था। अमेरिका में इस ऐप को रिपब्लिकन द्वारा आए दिन निशाना बनाया जाता है। वह कहते हैं कि चीनी सरकार इस ऐप के जरिए यूजर्स की ब्राउजिंग हिस्ट्री व लोकेशन जैसे डेटा तक पहुंच सकती है। अमेरिकी सशस्त्र बलों ने भी सुरक्षा को देखते हुए ऐप को प्रतिबंधित कर दिया है।
अमेरिकी सरकार से बात करेगी कंपनी
वहीं, कंपनी ने अपनी सफाई में कहा कि यूजर्स की सुरक्षा व गोपनीयता उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। वह अपनी नीतियों में युवाओं के कल्याण का निर्माण करती है, सुविधाओं को उम्र के अनुसार सीमित करती है और माता-पिता को टूल व संसाधनों से सशक्त बनाती है। टिकटॉक ने आगे कहा कि वह सरकार से बातकर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा जैसी चिंताओं को दूर करेगा और इस दिशा में उसने महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं। बता दें कि डेटा सुरक्षा व अनुचित कंटेंट के कारण टिकटॉक पर भारत सहित कई देशों में प्रतिबंध लगाया जा चुका है।