यूपी के अंबेडकर नगर (Ambedakar Nagar) से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां दो भाइयों ने एक पुरानी कार को मॉडिफाई कर ‘हवाई जहाज’ बना डाला. दोनों भाइयों का सपना था कि कार को मॉडिफाई कर ‘हेलीकॉप्टर’ बना देने से वो दूल्हा-दुल्हन के लिए शादी में बुकिंग पर इसे चला सकते हैं और पैसा कमा सकते हैं. लेकिन उनका प्लान पूरा होता इससे पहले ही पुलिस की नजर उनपर पड़ गई.
मामला अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के बस अड्डे का है, जहां दो भाइयों ने कार को मॉडिफाई करके ‘हेलीकॉप्टर’ बना दिया था. दोनों ‘हेलीकॉप्टर’ को पेटिंग के लिए ले जा रहे थे ताकि इसको बुकिंग पर बारात में ले जाया जाए. लेकिन रास्ते में ट्रैफिक पुलिस ने दोनों को रोक लिया. पूछताछ के बाद एमवी एक्ट के तहत उनके मॉडिफाई किए वाहन को सीज कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, दोनों सगे भाई हैं और भीटी थाना क्षेत्र के खजूरी बाजार के रहने वाले हैं. उन्होंने कार को मॉडिफाई कर ‘हेलीकॉप्टर’ का रूप दिया था. उसके ऊपर बाकायदा पंखा लगाया गया और पीछे लोहे की चादरों को गोल कर जैसे ‘हेलीकॉप्टर’ के पीछे बना होता है वैसा ही आकार दिया गया.
मॉडिफाई करने के बाद दोनों भाई फाइनल टच देने के लिए भीटी से अंबेडकरनगर जिला मुख्यालय ‘हेलीकॉप्टर’ लेकर पहुंचे थे. जिसे देख लोग अचंभित रह गए. पुलिस को सूचना मिली तो वह भी मौके पर पहुंच गई. पाया गया कि दोनों भाइयों ने वैगनार कार को ‘हेलीकॉप्टर’ बनाया है.
पुलिस ने वाहन सीज किया
एक भाई का नाम ईश्वरदीन है जबकि दूसरे का परमेश्वरदीन. उन्होंने को वैगनार कार को मॉडिफाई करके ‘हेलीकॉप्टर’ का रूप दिया है. हालांकि, इस मॉडिफिकेशन के लिए उन्होंने कोई परमीशन नहीं ली थी. ऐसे में जब इस मॉडिफाई वाहन को पेंटिंग कराने के लिए वो जिला मुख्यालय पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया.
अकबरपुर बस स्टेशन के पास उक्त वाहन ट्रैफिक पुलिस की नजर में आ गया और ट्रैफिक पुलिस ने एक्शन लेते हुए मॉडिफाई किए वाहन को सीज कर दिया. हालांकि, बाद में पुलिस ने जुर्माना लेकर उक्त वाहन को रिलीज कर दिया. लेकिन उसे यूज ना करने की हिदायत दी.
मामले में अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टि से चौकसी बढ़ा दी है. रविवार को इसी के तहत अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र में चेकिंग कर रही थी, तभी दोनों भाई ये कार को पेटिंग के लिए ले जा रहे थे. पुलिस ने मॉडिफाई कार को बरामद कर 207 एमवी एक्ट के तहत सीज कर दिया है. मॉडिफिकेशन बिना आरटीओ डिपार्टमेंट के अनुमति के नहीं किया जा सकता है.