Home Breaking News बटर फेस्टिवल : फूलों की खुशबू के बीच दूध, मक्खन की होली खेलेंगे टूरिस्ट
Breaking Newsउत्तराखंडराज्‍य

बटर फेस्टिवल : फूलों की खुशबू के बीच दूध, मक्खन की होली खेलेंगे टूरिस्ट

Share
Share

उत्तरकाशी : दयारा बुग्याल (Dayara bugyal) में प्रसिद्ध अढूंडी उत्सव (बटर फेस्टिवल) 17 अगस्‍त बुधवार को आयोजित होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

पर्यटक और स्‍थानीय सैलानी पहुंचे दयारा छानी

इस कार्यक्रम को लेकर दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल और जिला प्रशासन ने तैयारियां कर दी हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय सैलानी मंगलवार की शाम को दयारा छानी पहुंचे। जहां इन पर्यटकों कैंपिंग करेंगे और बुधवार को बटर फेस्टिवल (Butter festival) में शामिल होंगे।

ऐसे पहुंचे दयारा बुग्‍याल

जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 42 किलोमीटर की सड़क दूरी तथा भटवाड़ी ब्लाक के रैथल गांव से 9 किलोमीटर पैदल दूरी पर स्थित 28 वर्ग किलोमीटर में फैले दयारा बुग्याल में सदियों से अढूंड़ी उत्सव मनाया जाता आ रहा है।

पहले गाय के गोबर से खेलते थे होली

दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल के अध्यक्ष मनोज राणा कहते हैं कि पहले इस अढूंड़ी को गाय के गोबर से भी खेलते थे। लेकिन, अब इस अढूंडी उत्सव को पर्यटन से जोड़ने के लिए ग्रामीणों ने मक्खन और मट्ठा की होली खेलना शुरू किया।

प्रकृति का अदा करते हैं शुक्रिया अदा

बता दें कि गर्मी का मौसम शुरू होते ही रैथल समेत आसपास के गांवों के ग्रामीण अपने मवेशियों के साथ बुग्याली क्षेत्रों में स्थित अपनी छानियों में चले जाते हैं। पूरे गर्मी के मौसम में वह वहीं रहते हैं। वे अंढूड़ी उत्सव (बटर फेस्टिवल) मनाकर ही गांव लौटते हैं। लेकिन, लौटने से पहले वे प्रकृति का शुक्रिया अदा करने को इस मेले का आयोजन करते हैं।

See also  पहले टेस्ट में भारतीय इलेवन में बदलाव संभव, ये दिग्गज खिलाड़ी होगा बाहर

ग्रामीण करते हैं देवता की पूजा

इस उत्सव में ग्रामीण प्रकृति देवता की पूजा करते हैं तथा प्रकृति देवता का शुक्रिया कहते हैं कि इस प्रकृति के कारण ही हमारे मवेशी स्वस्थ और दूध में वृद्धि होने से घरों में भी संपन्नता आई है।

ऐसे हुई बटर फेस्टिवल की शुरुआत

पहले इस होली को गाय के गोबर से भी खेलते थे। लेकिन, अंढूड़ी उत्सव को पर्यटन से जोड़ने को बाद में ग्रामीणों ने मक्खन और मट्ठे की होली खेलना शुरू कर दिया। इसी से अंढूड़ी उत्सव को बटर फेस्टिवल के रूप में पहचान मिली। इस फेस्टिवल में ग्रामीण प्रकृति के प्रति कृतज्ञता जताते हैं। उसी की बदौलत उनके मवेशी स्वस्थ हैं।

Share
Related Articles
Breaking Newsअपराधएनसीआरनोएडा

युवक ने शादी का झांसा देकर बनाए युवती के साथ संबंध, जानिए क्या है मामला

नोएडा: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का...