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जेवर एयरपोर्ट से 30 नवंबर को पहली कमर्शियल फ्लाइट का ट्रायल

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ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर कामर्शियल विमानों का ट्रायल रन नवंबर में तय हुआ है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और डीजीसीए समेत प्रमुख एजेंसियों ने ट्रालय के लिए 30 नंबर की तिथि निर्धारित की है। ट्रालय रन एक दिन या इससे अधिक दिनों तक भी किया जा सकता है। रनवे का अध्ययन करने के लिए एयरपोर्ट पर एएआई के छोटे विमान एयरबस ए 320 व 321 समेत इंडिगो और अकासा के कामर्शियल विमानों को उतारा जाएगा।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के एक अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट का 1334 हेक्टेयर में प्रथम चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। एटीसी में जरूरी उपकरण व रनवे पर लाइट लगाने का काम भी पूरा हो गया है। टर्मिनल के एंट्रेंस का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है, जोकि उड़ान शुरू होने से पहले पूरा हो जाएगा। उड़ान के लिए जरूरी रडार व सर्विलांस सिस्टम और ऐरोब्रिज समेत अन्य सभी जरूरी उपकरण एयरपोर्ट पहुंचे हैं, जिन्हें अगले महीने तक स्थापित कर दिया जाएगा। अब नवंबर में रनवे पर ट्रायल रन शुरू किया जाएगा। रनवे पर छोटे से लेकर बड़े कामर्शियल विमानों को उतारा जाएगा। ट्रालय पूरे क्रू मेंबर समेत विमानों में यात्रियों को बैठाकर ही किया जाएगा। यात्रियों को टर्मिनल बिल्डिंग से दस्तावेजों की चैकिंग के साथ बोर्डिंग पास देकर ऐरोब्रिज से विमानों तक पहुंचाया जाएगा। विमान में क्रू मेंबर का पूरा दस्ता होगा। वहीं, यात्री भी ट्रायल रन के दौरान विमान में बैठेंगे। दोनों एयरलाइंस कंपनियां तीन से चार बार विमानों को रनवे पर उतारेगी। वहीं, एएआई के छोटे विमान भी रनवे पर उतरकर उसकी गुणवत्ता का अध्ययन करेंगे।

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घरेलू उड़ान के लिए अक्तूबर में बैठक होगी

एयरपोर्ट से पहले दिन से ही 65 फ्लाइट शुरू करने का प्रयास भी किया जा रहा हैं। इनमें घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों शामिल हैं। हालांकि, घरेलू स्तर पर पहले दिन से फ्लाइट कहां के लिए शुरू की जाएगी, इसके लिए अक्तूबर में बैठक में होगी। बैठक में ही फ्लाइट शेड्यूल का खाका तैयार किया जाएगा।

एयरपोर्ट शुरू करने में यह सबसे बड़ी चुनौती

एयरपोर्ट शुरू करने में एक बड़ी चुनौती यह रहेगी कि यदि एयरपोर्ट बनाने वाली कंपनी ने 17 अप्रैल तक उड़ान संबंधी जरूरी कार्य पूरे नहीं किए और तय समय पर लाइसेंस नहीं मिला तो 17 अप्रैल से छह महीने तक एयरपोर्ट से उड़ान शुरू नहीं हो सकेगी। क्योंकि देश दुनिया में उड़ान शुरू करने के 70 दिन पहले सभी प्रकार की प्रक्रिया को पूरा करने का नियम हैं, ताकि अन्य एयरपोर्ट को शुरू हो रहे नए एयरपोर्ट के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा सकें। नए एयरपोर्ट से शुरू होने वाली फ्लाइट का शेड्यूल तैयार हो सके ताकि हवाई यात्रा में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।

मौसम संबंधी उपकरण स्थापित हुए

एयरपोर्ट पर कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई, दृश्यता इत्यादि की जानकारी देंगे। डीजीसीए ने इसका निरीक्षण भी कर लिया है। इसके अलावा इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) का कार्य अगले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। आईएलएस कामर्शियल उड़ानों से पहले कैलिब्रेशन फ्लाइट से नेविगेशन ऐड, रनवे पर लाइटिंग व्यवस्था और एयरस्पेस की जांच करता है। आईएलएस से ही रनवे की कई प्रकार की जांच होती है।

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इस प्रकार तय तिथिवार पर होंगे एयरपोर्ट से जुड़े जरूरी काम

– आईएलएस कैलिब्रेशन का कार्य 4 से 6 अक्तूबर तक डीजीसीए की टीम करेंगी

– एयरपोर्ट के रनवे की रिपोर्ट 10 अक्तूबर तक प्रस्तुत की जाएगी

– कैलिब्रेशन का सर्टिफिकेट 15 अक्तूबर तक जारी किया जाएगा

– उड़ान प्रक्रिया और डीजीसीए के समक्ष प्रस्तुतिकरण 15 नवंबर को होगा

– फ्लाइट ट्रालय का अप्रूवल डीजीसीए से 25 नवंबर तक आएगा

– 30 नवंबर को रनवे पर ट्रालय रन किया जाएगा

– एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन दिसंबर में किया जाएगा, जोकि 90 दिन यानी कि मार्च तक मिलेगा

– एयरपोर्ट के बारे में दूसरे देशों की एयरपोर्ट अथॉरिटी को बताने की एआईपी पब्लिकेशन 6 फरवरी को होगा

– छह फरवरी के बाद अंतरराष्ट्रीय और घरेलू फ्लाइट के लिए टिकट बुकिंग सेवा शुरू हो जाएगी

– 17 अप्रैल को एयरपोर्ट से कामर्शियल फ्लाइट शुरू हो जाएगी

मूर्त रूप ले रही परियोजना

●- 1334 हेक्टेयर में विकसित किया जा रहा पहला चरण

– 12 लाख यात्री प्रत्येक साल उड़ान भर सकेंगे

– एक लाख फ्लाइट का आवागमन हर साल हो सकेगा

– ढाई लाख टन कार्गो यहां से आ-जा सकेगा

– एक लाख वर्गमीटर में टर्मिनल बिल्डिंग बनाई जा रही

– 28 स्टैंड बनेंगे एयरक्राफ्ट के लिए

– 40 एकड़ में एमआरओ हब बनेगा

– 3900 मीटर लंबा रनवे बनकर तैयार

– 167 एकड़ में रियल स्टेट डवलपमेंट हो सकेंगे

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