नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को साइप्रस की कंपनी बरहयांदा लिमिटेड द्वारा सुवेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड में 9589 करोड़ रुपये तक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रस्ताव की मंजूरी दे दी।
कितने प्रतिशत हिस्सेदारी का होगा अधिग्रहण?
सुवेन इंडिया बांबे स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी है। मंजूरी के तहत बरहयांदा लिमिटेड सुवेन फार्मा के 76.1 प्रतिशत शेयरों का अधिग्रहण करेगी। अनिवार्य ओपन ऑफर और सार्वजनिक शेयरधारकों से शेयरों के हस्तांतरण के माध्यम से यह अधिग्रहण किया जाएगा।
आज का हिंदी पंचांग 14 सितंबर 2023: जानिए राहु काल, तिथि और शुभ-अशुभ मुहूर्त, पढ़ें गुरुवार का पंचांग
क्या है निवेश करने का लक्ष्य?
फैसले के मुताबिक सुवेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड में कुल विदेशी निवेश 90.1 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। स्वीकृत निवेश का लक्ष्य नये रोजगारों का सृजन करना, संयंत्र और उपकरणों में निवेश के माध्यम से भारतीय कंपनी की क्षमता का विस्तार करना है।
इस प्रस्ताव का मूल्यांकन सेबी, आरबीआई, सीसीआई और अन्य संबंधित एजेंसियों द्वारा किया गया है। संबंधित विभागों, आरबीआई और सेबी द्वारा प्रस्ताव की जांच के बाद स्वीकृति दी गई है और यह इस संबंध में लागू सभी नियमों और विनियमों की पूर्ति के अधीन है।
किसे पास है पूरा निवेश?
विदेशी निवेशक कंपनी बरहयांदा लिमिटेड में संपूर्ण निवेश एडवेंट फंड्स के पास है, जो विभिन्न लिमिटेड पार्टनर्स (एलपी) से निवेश एकत्र करता है। एडवेंट फंड का प्रबंधन एडवेंट इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाता है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका की एक निगमित इकाई है।
एडवेंट इंटरनेशनल कॉरपोरेशन ने 42 देशों में लगभग 75 अरब डॉलर का निवेश किया है। एडवेंट इंडिया ने स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय सेवाओं, औद्योगिक विनिर्माण, उपभोक्ता वस्तुओं और आईटी सेवा क्षेत्रों की 20 भारतीय कंपनियों में लगभग 34000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।