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दुनिया डूब जाएगी, कुछ नहीं बचेगा… समुद्रों के बढ़ते जलस्तर पर संयुक्त राष्‍ट्र का SOS अलर्ट

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जिनेवा। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से धरती की सतह का तापमान लगातार बढ रहा है। इसकी वजह से पृथ्वी पर गर्मी बढ़ रही है, जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं और महासागरों के जलस्तर में भारी बढोतरी हो रही है।

इस बीच संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization) की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रशांत महासागर का जलस्तर वैश्विक औसत से अधिक बढ़ रहा है। इससे निचले द्वीपीय देशों के बड़े भूभाग के डूबने का खतरा मंडरा रहा है।

जीवाश्म ईंधनों के लगातार जलने से जलस्तर में वृद्धि

वैश्विक स्तर पर, समुद्र के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। जीवाश्म ईंधनों के लगातार जलने से बढ़ते धरती के तापमान के कारण शक्तिशाली और मोटी बर्फ की चट्टानें पिघल रही हैं। गर्म होते महासागरों के कारण पानी के मॉलिक्यूल्स का विस्तार हो रहा है।

उत्तर और पूर्व में औसत वार्षिक वृद्धि काफी अधिक

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की रिपोर्ट से पता चला है कि प्रशांत महसागर क्षेत्र के दो माप क्षेत्रों, ऑस्ट्रेलिया के उत्तर और पूर्व में औसत वार्षिक वृद्धि काफी अधिक है। पिछले तीन दशकों में यह वैश्विक वृद्धि प्रति वर्ष 3.4 मिलीमीटर की थी।

हमने महासागरों की क्षमता को कमजोर कर दिया

विश्व मौसम संगठन के महासचिव सेलेस्टे साउलो ने टोंगा में एक फोरम में क्षेत्रीय जलवायु रिपोर्ट 2023 के विमोचन के मौके पर जारी एक बयान में कहा, “मानवीय गतिविधियों ने हमें जिंदा रखने और सुरक्षा देने की महासागरों की क्षमता को कमजोर कर दिया है और हम समुद्र के स्तर में वृद्धि के जरिए एक आजीवन रहने वाले मित्र को खतरों में बदल रहे हैं।”

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जलवायु परिवर्तन से तेज हो सकती हैं बाढ़ की घटनाएं

वहीं, साल 1980 के बाद से ही इस महासागरों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण समुद्री तटों पर अक्सर बाढ़ आती हैं। कुक द्वीप समूह और फ्रेंच पोलिनेशिया जैसे द्वीपों में ऐसी दर्जनों घटनाएं हुई हैं। ऐसी घटनाएं कभी-कभी ट्रॉपिकल साइक्लोन की वजह से होती हैं। वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भी ये घटनाएं तेज हो सकती हैं, क्योंकि समुद्र की सतह का तापमान बढ़ रहा है।

2023 में प्रशांत क्षेत्र में 200 से ज्यादा लोगों की मौत

डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में प्रशांत क्षेत्र में तूफान और बाढ़ जैसे 34 से अधिक खतरे सामने आए, इसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं। विश्व मौसम संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि प्रशांत महासागर के द्वीपों पर बढ़ते जल स्तर का प्रभाव अत्यधिक होगा, क्योंकि उनकी औसत ऊंचाई समुद्र तल से केवल एक या दो मीटर ही है।

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