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हत्या से पहले उपेंद्र ने लड़ी थी जिंदगी के लिए जंग

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मुजफ्फरनगर। शाहपुर थाना क्षेत्र के सोरम गांव विद्युत उपकेंद्र पर तैनात संविदा कर्मचारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई। सुबह कंट्रोल रूम में उसका शव मिला। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने शव नहीं उठाने दिया।

शुक्रवार देर रात आया था ड्यूटी पर 

सोरम गांव में 33 केवी विद्युत उपकेंद्र पर गांव का ही उपेंद्र उर्फ कल्लू (45) पुत्र बिशंबर संविदा आपरेटर था। शुक्रवार देर रात वह ड्यूटी पर आया था। शनिवार सुबह विभाग के अधिकारियों ने उससे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन नहीं हो सका। अधिकारियों ने गांव के ही संविदा लाइनमैन धर्मेंद्र को बिजलीघर पर भेजा। धर्मेंद्र वहां पहुंचा तो कंट्रोल रूम में उपेंद्र का लहूलुहान शव पड़ा मिला। धारदार हथियार से गला रेतकर उपेंद्र की हत्या की गई थी।

एसपी देहात फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे

विद्युत विभाग के लोग, स्वजन और एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। फोरेंसिक और डाग स्क्वाड ने भी पहुंचकर छानबीन की, लेकिन सुराग नहीं लगा। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहा, लेकिन ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी और आर्थिक मदद की मांग करते हुए शव नहीं उठाने दिया। एसडीएम बुढ़ाना अरुण कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद और आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। लगभग चार घंटे बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतक दो बच्चों को पिता था। मृतक के भाई रवींद्र ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज कराया है। एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। हत्यारों को शीघ्र ही दबोच लिया जाएगा।

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मरने से पहले उपेंद्र ने किया हत्यारों से संघर्ष

उपेंद्र की हत्या कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। मृतक की किसी से रंजिश भी नहीं थी। उधर, कंट्रोल रूम में चारों तरफ खून ही खून बिखरा था, जिसे देखकर लगता है कि मरने से पहले उपेंद्र ने जान बचाने के लिए काफी संघर्ष किया था। उपेंद्र शुक्रवार रात लगभग नौ बजे घर से ड्यूटी पर गया था। उसने बिजलीघर की लाग शीट में दस बजे तक एंट्री भी कर रखी है। विद्युत उपकेंद्र गांव से लगभग आधा किलोमीटर दूर है, जिस कारण किसी ने आवाज भी नहीं सुनी। हत्या करके भागने वाले भी खून से सने हुए थे। कंट्रोल रूम से बाहर भागते हुए खून से सने उनके पैरों के निशान भी बने हुए हैं।

बिजलीघर बना शराबियों का अड्डा

विद्युत उपकेंद्र पर उपेंद्र की हत्या के बाद वहां शराबियों का जमावड़ा रहने की बात सामने आई। उपकेंद्र के प्रांगण में पड़ी शराब व बीयर की खाली बोतल वहां शराब का अड्डा होने का प्रमाण दे रही थीं। ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों व बिजली विभाग के अधिकारियों से बिजलीघर पर शराब पीना बंद कराने की मांग की है। उधर, उपकेंद्र पर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगे हैं।

विभाग ने दिए एक लाख रुपये

सोरम बिजलीघर के एसएसओ उपेंद्र की हत्या के बाद बिजलीघर पर चले हंगामे के दौरान बिजली विभाग के जेई शिवकुमार ने एक लाख रुपये नगद मृतक परिवार की मदद के लिए दिए।

घर से लाया खाना भी नहीं खा सका

उपेंद्र शुक्रवार रात्रि के समय घर खाना खाने गया था, लेकिन उपकेंद्र पर अन्य कोई कर्मचारी न होने के कारण वह घर से खाना पैक कराकर लेकर आया था, लेकिन वह खाना भी नहीं खा सका। उससे पहले ही उपेंद्र की हत्या कर दी गई। सुबह खाना ज्यों का त्यों रखा मिला।

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