यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का पहला सेमीकंडक्टर पार्क बनाने के लिए मुंबई की एक निजी कंपनी ने 100 एकड़ जमीन मांगी है। कंपनी पहले चरण में 2500 करोड़ का निवेश करने वाली है। कंपनी ने जरूरतों के बारे में भी यमुना प्राधिकरण को अवगत करा दिया है। यमुना प्राधिकरण की ओर से इस योजना पर अगला कदम बढ़ाने की बात कही गई है।
बता दें कि, सेमीकंडक्टर के मामले में देश अभी दूसरे देशों पर निर्भर रहता है। इस निर्भरता को खत्म करने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। जानकारी के लिए बता दें कि, देश की पहली सेमीकंडक्टर उत्पादन की इकाई गुजरात में चल रही है। अब उत्तर प्रदेश में भी सेमीकंडक्टर का उत्पादन होने से देश आत्मनिर्भर होने की दिशा में कदम बढाएगा। इसके लिए मुंबई की एक निजी कंपनी आगे आई है।
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100 एकड़ जमीन की है मांग
मिली जानकारी के अनुसार, निजी कंपनी ने यमुना प्राधिकरण से अपनी योजना साझा की है। कंपनी ने प्राधिकरण से जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास 100 एकड़ जमीन मांगी है। कंपनी पहले चरण में 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। दो साल में उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। निजी कंपनी ने अपनी जरूरतों के बारे में भी प्राधिकरण को बता दिया है। इस इकाई के लिए उन्हें पानी की जरूरत होगी। पहले चरण में प्रति घंटे 2 लाख लीटर पानी और तीसरे चरण में साढ़े सात लाख लीटर पानी की जरूरत होगी। इसके अलावा 50 मेगावाट की बिजली की जरूरत भी होगी।
सेमीकंडक्टर की आज के समय में अहम भूमिका
जानकारी के लिए बता दें कि, कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों, माइक्रोवेव आदि में सेमीकंडक्टर अहम भूमिका निभाता है। इसके जरिए इन उत्पादों को नियंत्रित करने का काम होता है। इसके साथ ही मेमोरी फंक्शन भी ऑपरेट किया जाता है। बिना इनके इन उत्पादों की कल्पना बेकार होती है। सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन चिप्स जैसे होते हैं। इनका इस्तेमाल कंप्यूटर, सेलफोन, गैजेट्स, वाहनों, माइक्रोवेव ओवन आदि में किया जाता है। ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट किया करते हैं। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि, एक निजी कंपनी ने सेमीकंडक्टर की इकाई लगाने के लिए 100 एकड़ जमीन की मांग की है। कंपनी पहले चरण में 2500 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली है। इस दिशा में बहुत जल्द आगे बढ़ा जाएगा।