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दिग्गज ऑलराउंडर हीथ स्ट्रीक का 49 साल की उम्र में निधन, कैंसर से लड़ रहे थे जंग

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नई दिल्‍ली। जिंबाब्‍वे के महान क्रिकेटर हीथ स्‍ट्रीक का 49 की उम्र में देहांत हो गया है। स्‍ट्रीक के पूर्व साथियों के मुताबिक जिंबाब्‍वे के पूर्व कप्‍तान लंबे समय से कैंसर से लड़ाई लड़ रहे थे। स्‍ट्रीक जिंबाब्‍वे के सर्वकालिक महान क्रिकेटरों में शुमार हैं।

हीथ स्‍ट्रीक ने 2000 से 2004 के बीच जिंबाब्‍वे की कप्‍तानी की भी। 12 साल के अंतरराष्‍ट्रीय करियर में स्‍ट्रीक ने 65 टेस्‍ट और 189 वनडे मैच खेले। इस दौरान उन्‍होंने कई मौकों पर जिंबाब्‍वे क्रिकेट की प्रतिष्‍ठा को अकेले की उठाया। वो जिंबाब्‍वे के एकमात्र क्रिकेटर हैं, जिन्‍होंने 100 टेस्‍ट विकेट लिए।

हेनरी ओलंगा ने दी जानकारी

जिंबाब्‍वे के पूर्व तेज गेंदबाज और हीथ स्‍ट्रीक के दोस्‍त हेनरी ओलंगा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये यह जानकारी दी। ओलंगा ने ट्वीट किया, ”दुखद खबर आई है कि हीथ स्‍ट्रीक अब दूसरी दुनिया में चले गए हैं। जिंबाब्‍वे क्रिकेट के महान क्रिकेटर की आत्‍मा को शांति मिले। हमारे द्वारा दिया गया सबसे महान ऑलराउंडर। आपके साथ खेलना सम्‍मान की बात रही। जब मेरा गेंदबाजी स्‍पेल खत्‍म होगा तब आपसे दूसरी तरफ मिलता हूं।”

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भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। अश्विन ने ट्वीट किया, ”हीथ स्‍ट्रीक नहीं रहे। दुखद, बहुत दुखद।”

करियर में जमाया एकमात्र टेस्‍ट शतक

हीथ स्‍ट्रीक मजबूत तौर पर अपनी सटीक लाइन लेंथ और किफायती गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे। मगर बल्‍ले से भी वो धमाल करते रहे। मिडिल ऑर्डर में खेलकर स्‍ट्रीक ने 1990 टेस्‍ट जबकि 2943 वनडे रन बनाए। वेस्‍टइंडीज के खिलाफ हरारे में खेली 127 रन की पारी उनके टेस्‍ट करियर का एकमात्र शतक रहा।

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करियर पर ऐसे लगा ब्रेक

हीथ स्‍ट्रीक के करियर की शुरुआत 1993 में हुई जब पाकिस्‍तान के खिलाफ डेब्‍यू किया। रावलपिंडी में खेले गए दूसरे टेस्‍ट में स्‍ट्रीक ने अपनी काबिलियत साबित की और 8 विकेट झटक दिए। 2005 में स्‍ट्रीक को संन्‍यास लेना पड़ा क्‍योंकि वारविकशायर के कप्‍तान के रूप में उनके दो साल का अनुबंध 2006 में खत्‍म हो रहा था। मगर खराब फॉर्म के कारण उन्‍हें पहले ही संन्‍यास लेना पड़ा। 2007 में स्‍ट्रीक इंडियन क्रिकेट लीग से जुड़े और उनके अंतरराष्‍ट्रीय करियर का समापन हुआ।

संन्‍यास के बाद क्‍या किया

हीथ स्‍ट्रीक ने संन्‍यास लेने के बाद कोचिंग की जिम्‍मेदारी निभाई। उन्‍होंने जिंबाब्‍वे, स्‍कॉटलैंड, बांग्‍लादेश, गुजरात लायंस और कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ काम किया। उनका करियर तब बर्बाद हुआ जब आईसीसी ने भ्रष्‍टाचार विरोधी उल्‍लंघन के कारण स्‍ट्रीक पर आठ साल का प्रतिबंध लगा दिया। इतने बड़े झटके के बावजूद स्‍ट्रीक की क्रिकेटर और कप्‍तान के रूप में विरासत अतुल्‍नीय है। क्रिकेट की दुनिया को अपने सितारे की कमी जरूर खल रही है।

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