रायबरेली। बछरावां थाने में तैनात उर्दू अनुवादक का घूस लेते वीडियो शुक्रवार को वायरल हो गया। प्रारंभिक जांच में आरोप सही सिद्ध होने पर कप्तान ने उसे निलंबित कर दिया है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस भी दर्ज कराया गया है। शनिवार को उसे जेल भेजा जाएगा।
उर्दू अनुवादक मजीद बछरावां थाना परिसर में ही सरकारी आवास में रहता है। रात के समय किराना की दुकान पर वह एक शख्स से कुछ रुपये लेते कैमरे में कैद कर लिया गया। इसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया। अघौरा के सोनू सिंह की तहरीर पर मजीद के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया गया है।
@myogioffice @dgpup @Uppolice @rarbarelipolic घूस लेते उर्दू अनुवादक का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक के तेवर सख्त, जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एसपी आलोक प्रियदर्शी ने सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने के लिए दिए निर्देश।विभागमें मचा हड़कंपबछरावां में तैनात है बाबू pic.twitter.com/eusY9AXRme
— Pankaj Singh (@Pankajabpnews) October 28, 2022
सोनू ने बताया कि उसके गांव का ईश्वरी जेल में बंद है, जिसकी जमानत न्यायालय से हो चुकी है। जमानत तस्दीक के लिए थाने पर बांड आया था। इसी सिलसिले में कुछ दिन पहले मजीद उनके घर आया और इस काम के एवज में सात हजार रुपये घूस मांगी। गुरुवार को मजीद ने उसे हरचंदपुर बुलाया और पांच हजार रुपये ले लिए। उसने रुपये देते वक्त उर्दू अनुवादक का वीडियो बना लिया। वही वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
एसपी ने तुरंत लिया संज्ञान : रिश्वत लेते वीडियो वायरल होने की सूचना पर एसपी आलोक प्रियदर्शी ने सीओ महराजगंज राम किशोर सिंह को जांच करने के निर्देश दिए। उनकी रिपोर्ट में आरोप सही मिलने पर उर्दू अनुवादक को तुरंत निलंबित कर दिया गया। एसपी का निर्देश मिलते ही स्थानीय पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
सात साल तक की सजा : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दंर्ज केस में दोषी पाए जाने पर सात साल तक की सजा सुनाई जा सकती है। साथ ही अर्थदंड भी लगाया जाता है।
घूस लेने के मामले में उर्दू अनुवादक को निलंबित कर दिया गया है। उसे गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है। रिश्वतखोरी करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। – आलोक प्रियदर्शी, पुलिस अधीक्षक