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एलन मस्क ने अमेरिका के ईवीएम पर उठाए सवाल तो राजीव चंद्रशेखर ने भारत का दिया उदाहरण, विपक्ष को मिला “मौका”

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नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (इवीएम) को लेकर देश के अंदर ही नहीं, वैश्विक स्तर पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। रविवार को टेस्ला कंपनी के मालिक मशहूर अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की तरफ से ‘एक्स’ प्लेटफॉर्म पर इवीएम को लेकर सवाल उठाए जाने से ईवीएम की प्रमाणिकता पर बहस छिड़ गई है।

इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या दुनिया को इवीएम को छोड़ पेपर वोटिंग प्रणाली को फिर से अपना लेना चाहिए। मस्क ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा कि हम लोगों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हटा देना चाहिए, क्योंकि इवीएम को मानव के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से हैक किए जाने का जोखिम है।

उन्होंने यह पोस्ट राबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के पोस्ट के जवाब में लिखा था, जिन्होंने एसोसिएटेड प्रेस का हवाला देते हुए इवीएम की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए थे। ‘एक्स’ पर मस्क के पोस्ट के बाद भारत में इस पर राजनीतिक वाद-विवाद का नया दौर शुरू हो गया है। भाजपा की तरफ से पूर्व इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मोर्चा संभालते हुए मस्क को कहा कि ईवीए को लेकर उनका यह बयान बिल्कुल आम धारणा जैसी है कि कि कोई भी व्यक्ति बिल्कुल सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता है, जबकि यह सोचना गलत है।

चंद्रशेखर ने कहा कि मस्क का यह बयान अमेरिका व अन्य जगहों पर लागू हो सकता है जहां इंटरनेट कनेक्टेड वोटिंग मशीन को बनाने के लिए साधारण कंप्यूट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन भारतीय ईवीएम को खास तौर पर डिजाइन किया गया है जो सुरक्षित है और उसे किसी भी नेटवर्क और मीडिया से अलग रखा गया है। ताकि ब्लूटूथ, वाईफाई, इंटरनेट जैसे किसी भी माध्यम से ईवीएम को कनेक्ट नहीं किया जा सके। ईवीएम को रिप्रोग्राम नहीं किया जा सकता है। भारतीय माध्यम से ईवीए को प्रमाणिक बनाया जा सकता है।

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चंद्रशेखर ने अपने पोस्ट में यह भी लिखा कि इस मामले में हमें एलन को ट्यूशन देकर खुशी होगी। मस्क की टिप्पणी पर भाजपा नेता के जवाबी पोस्ट के बाद इवीएम को लेकर लगातार चुनाव आयोग और सरकार को निशाना बनाते रहे विपक्षी दलों ने इस विवाद को फिर से हवा देने की शुरूआत कर दी है।

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