Home Breaking News WHO ने नए वेरिएंट को Omicron ही क्यों दिया नाम? चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं इसके पीछे की वजह!
Breaking Newsराष्ट्रीय

WHO ने नए वेरिएंट को Omicron ही क्यों दिया नाम? चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं इसके पीछे की वजह!

Share
Share

नई दिल्‍ली। अफ्रीका और यूरोप के कई देशों को अपनी चपेट में लेने वाला कोरोना का नया वैरिएंट लगातार पूरी दुनिया में चिंता का सबब बना हुआ है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसको ओमीक्रान का नाम दिया है। इसके नामकरण की कहानी बेहद दिलचस्‍प है। दरअसल, ओमीक्रान एक ग्रीक भाषा का शब्‍द है। लेकिन विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के पास ओमीक्रान के अलावा भी कुछ दूसरे विकल्‍प मौजूद थे, लेकिन उन्‍हें संगठन ने इस वजह से छोड़ दिया की कहीं उन पर कोई बवाल न हो जाए। आपको बता दें कि ग्रीक भाषा में ओमीक्रान से पहले नू और शी भी आते हैं। ग्रीक भाषा के नू को छोड़ने की वजह ये थी कि इसके उच्‍चारण में परेशानी थी। वहीं शी को छोड़ने की बड़ी वजह चीन के राष्‍ट्रपति थे जिनका नाम ही शी चिनफिंग है और कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति के लिए चीन को ही दोषी ठहराया जाता रहा है।

विभिन्‍न देशों का मानना है कि चीन से ही ये वायरस पूरी दुनिया में फैला था। हालांकि चीन इन आरोपों को निराधार बताता रहा है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसकी उत्‍पत्ति को लेकर अपनी जो जांच की थी उसकी अंतिम रिपोर्ट में भी इन आरोपों को दरकिनार कर दिया गया था। लेकिन यदि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ग्रीक शब्‍द के शी को कोरोना के नए वैरिएंट के नाम के तौर पर ले लेता तो न सिर्फ राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग का विश्‍व स्‍तर पर मजाक बन जाता बल्कि संगठन पर भी अंगुली उठ सकती थी। इस स्थिति से बचने के लिए ही संगठन ने इन दोनों नामों पर विचार करने से पहले ही खारिज कर दिया था।

See also  नोएडा में चुनाव से पहले दलबदल तेज है कई बड़े नेता दलबदल की तैयारी में

आपको बता दें कि ओमीक्रान ग्रीक भाषा की वर्णमाला का 15वां अक्षर है। वहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन वैरिएंट का नाम इसी वर्णमाला के आधार पर देता है। इससे पहले विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने कोरोना के विभिन्‍न वैरिएंट को जो डेल्‍टा, बीटा और गामा नाम दिए थे वो भी इसी वर्णमाला के हिसाब से थे। मौजूदा ओमीक्रान वैरिएंट का पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में इसी नवंबर में सामने आया था। अब तक इसके मामले विश्‍व के करीब आठ देशों में सामने आ चुके हैं।

विश्‍व के कई देश अफ्रीकी और कुछ दूसरे देशों पर ट्रैवल बैन कर चुके हैं। हालांकि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने अपील की है कि इस ओमीक्रान को वैरिएंट आफ कंसर्न की सूची में रखने के बावजूद देशों पर ट्रैवल बैन न लगाया जाए। लेकिन इस अपील का कोई असर नहीं हुआ है। भारत में भी दक्षिण अफ्रीका से लौटने वाले दो व्‍यक्ति संक्रमित बताए जा रहे हैं। हालांकि भारत ने फिलहाल एहतियाती कदम उठाने की ही बात कही है।

Share
Related Articles