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विवाह में दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाई जाती है हल्दी, जानिए इसके पीछे का कारण

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नई दिल्ली: शादी-विवाह में हल्दी-मेहंदी की रस्म की जाती है पर क्या आप इन रस्मों का महत्व जानते हैं। क्या आपको पता है कि शादी में हल्दी की रस्म क्यों की जाती है। तो आज हम आपको बताएंगे कि शादी में हल्दी की रस्म क्यों होती है और उसमें हल्दी का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि शादी की रस्म में हल्दी का इस्तेमाल करने से क्या-क्या फायदे होते हैं।

1. वैसे तो हल्दी के बहुत से फायदे हैं जिन्हें वैज्ञानिकों ने समय-समय पर प्रमाणित भी किया है। हल्दी एक क्लीन्ज़र होती है जिससे दुल्हन के शरीर को साफ व सुंदर बनाया जाता है। दुल्हन को हल्दी का उबटन लगाया जाता है ताकि वह शादी वाले दिन और खूबसूरत दिख सके। शादी के कुछ दिनों पहले से ही दुल्हन व दूल्हे को हल्दी लगाए जाने की रस्म शुरू होती है।

2. हल्दी को आशीर्वाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। यही वजह है कि दूल्हा और दुल्हन के लिए हल्दी का एक दिन तय किया जाता है और इस दिन घर के सभी बड़े दूल्हा व दुल्हन को हल्दी छुआ कर आशीर्वाद देते हैं। इस तरह दूल्हा और दुल्हन को बेहतर दांपत्य जीवन के लिए आशीर्वाद दिया जाता है।

3. हल्दी में चमत्कारी गुण होते हैं इसलिए ये औषधि के रूप में न सिर्फ खाने व दूध में डाल कर पी जाती है बल्कि इसे दूल्हा-दुल्हन की त्वचा पर भी लगाया जाता है। ऐसा करने से दूल्हा-दुल्हन का शरीर चमक उठता है। इस वजह से दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं।

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4. हल्दी को नजर उतारने के काम भी लाया जाता है। यही वजह है कि हल्दी को शगुन के तौर पर दूल्हे और दुल्हन को दिया जाता है। ये दूल्हा-दुल्हन को बुरी बलाओं से बचाता है। यही वजह है कि हल्दी की रस्म होने के बाद दूल्हा और दुल्हन शादी होने तक घर के बाहर नहीं निकलते हैं।

5. माना जाता है कि शादी में हल्दी का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि दूल्हा-दुल्हन शादी के बाद लड़ाई-झगड़े न करें और दोनों का दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाए।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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