नई दिल्ली। दो रोहिंग्या शरणार्थियों ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक को नफरत भरे भाषणों को निर्देश देने की मांग की है। जो भारत में कई जगहों पर मंच से उत्पन्न होते हैं। यह भाषण भारत में रह रहे रोहिंग्या समुदाय की ओर इशारे करते हैं।
याचिका में कहा गया है कि भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों की मौजूदगी एक अत्यधिक राजनीतिकरण वाला मामला है। उन्हें फेसबुक पर हानिकारक सामग्री के साथ दिखाया जाता है। उन्हें भारत के लिए खतरा बताते हैं। अक्सर रोहिंग्याओं को “आतंकवादी”, “घुसपैठिए” के रूप दिखाया जाता है। साथ ही भारत हए रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है।
वकील कवलप्रीत कौर के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि भारत में रोहिंग्या स्कूलों, चिकित्सा सुविधाओं या नियमित काम तक पहुंच के बिना अवैध शिविरों में रहते हैं। उनके पास पीने लायक पानी नहीं है और न ही निरंतर पानी की आपूर्ति होती है।
प्लॉट में शौच के लिए कोई उचित शौचालय नहीं है। रोहिंग्या बांस और तिरपाल के नीचे मकान बनाकर रह रहे हैं।