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क्या पाकिस्तान छोड़ भाग जाएंगे इमरान खान? खुद देनी पड़ी ये दलील

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इस्लामाबाद। नो-फ्लाई सूची में रखे जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को उन्हें देश छोड़ने से रोकने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनकी विदेश यात्रा की कोई योजना नहीं है, क्योंकि न तो विदेश में उनकी कोई संपत्ति है और न ही विदेश में उनका कोई व्यवसाय चल रहा है।

खान ने किया ट्वीट

इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और अन्य नेताओं और उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के पूर्व विधानसभा सदस्यों को कथित तौर पर गुरुवार को देश छोड़ने से रोक दिया गया था। खान ने ट्विटर पर लिखा, “मैं ईसीएल पर अपना नाम डालने के लिए सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि मेरी विदेश यात्रा की कोई योजना नहीं है, क्योंकि न तो विदेश में मेरी कोई संपत्ति या व्यवसाय है और न ही देश के बाहर कोई बैंक खाता है।”

उन्होंने कहा, “अगर मुझे छुट्टी मनाने का मौका मिलता है, तो मैं हमारे उत्तरी पहाड़ों में जाऊंगा, पृथ्वी पर वह मेरी पसंदीदा जगह है।”

खान, उनकी पत्नी और 80 पार्टी सदस्यों पर लगी रोक

निकास नियंत्रण सूची (ईसीएल), आंतरिक मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है और उन व्यक्तियों पर निगरानी रखती है, जिन्हें लंबित अदालती मामलों या अन्य कारणों से देश छोड़ने की अनुमति नहीं है। गुरुवार को जानकारी दी गई थी कि पाकिस्तान सरकार ने खान, उनकी पत्नी और पार्टी के लगभग 80 लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है।

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रिपोर्ट में कहा गया, “संघीय सरकार ने पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी सहित 80 लोगों के नाम नो-फ्लाई सूची में जोड़ने का फैसला किया है।”

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9 मई को हिंसा मामले में मुकदमों में फंसे

70 वर्षीय खान और उनकी पार्टी के कई शीर्ष नेता 9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा के सिलसिले में मुकदमों का सामना कर रहे हैं। 9 मई को अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) परिसर से गिरफ्तार करने के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।

उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने खान की गिरफ्तारी के जवाब में लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की। भीड़ ने पहली बार रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी धावा बोल दिया।

40 कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा

पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई है, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई। हिंसा के बाद खान के हजारों समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया था। अशांति के मद्देनजर पीटीआई के कई शीर्ष नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया था।

पीटीआई पर लगाया जा सकता है प्रतिबंध

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार को कहा कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में शामिल लोगों पर सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा, जबकि नागरिक ठिकानों पर हमलों के आरोप में नागरिक कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद सैन्य प्रतिष्ठानों पर उनके समर्थकों द्वारा किए गए हमलों के बाद सरकार खान की पीटीआई पार्टी पर संभावित प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।

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