नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने फर्जी प्रोफाइल के जरिए अमीर लोगों से दोस्ती कर उन्हें हनीट्रैप में फंसा ब्लैकमेल कर उगाही करने वाले गिरोह की महिला सदस्य को मध्य प्रदेश, भोपाल से गिरफ्तार किया है। जामिया नगर में 2018 में आरोपित महिला ने तबीयत खराब होने के बहाने एक डाक्टर को अपने किराए के घर बुला उनके साथ शारीरिक संबंध बना लिया था।
गिरोह के सदस्यों ने चोरी छिपे उक्त घटना का वीडियो बना डाक्टर को ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर दिया था। उनसे 50 लाख की मांग की गई थी। डीसीपी रोहित मीणा के मुताबिक उगाही के आरोप में गिरफ्तार किए गए महिला का नाम जौहरी जबी उर्फ परवीन है।
वह फाइन एन्क्लेव, कल्लर रोड, भोपाल, मध्य प्रदेश की रहने वाली है। तीन नवंबर 2018 को एक नामी डाक्टर ने जामिया नगर थाने में शिकायत कर आरोप लगाया था कि परवीन नाम की महिला उन्हें ब्लैकमेल कर पैसे की मांग कर रही है। उक्त महिला घटना से कुछ समय पहले इलाज के बहाने उनके क्लिनिक पर आई थी। तब उसने बताया था कि वह मक्का, सऊदी अरब की रहने है और जामिया नगर में अकेली रहती है।
एक नवंबर 2018 को महिला ने उन्हें आपातकालीन चिकित्सा के बहाने अपने आवास पर बुलाकर नशीला पदार्थ मिला शीतलपेय पिलाने के बाद उनके साथ शारीरिक संबंध बना लिया था। घर में छिपे उसके साथियों ने उक्त घटना का वीडियो बना लिया था और बाद में गिरोह ने उनसे 50 लाख की मांग करने लगा था। डाक्टर की शिकायत पर जामिया नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था।
स्पेशल सेल ने जांच के बाद 11 अप्रैल 2019 को गिरोह के दो सदस्य नूर मझर उर्फ असलम और महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था क्योंकि वह नकली नाम का इस्तेमाल कर किराए के मकान में रह रही थी और घटना के बाद से फरार थी।
दिल्ली पुलिस ने उसपर 20 हजार का इनाम रखा था। 18 जून को अपराध शाखा की टीम ने जौहरी जबी को भोपाल स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि जहांगीर उर्फ शेखू गिरोह का सरगना उसका चचेरा भाई है।
घटना के समय वह महाराष्ट्र के होशंगाबाद में अपने पैतृक स्थान पर रहती थी। अमीर व प्रसिद्ध लोगों से उसके माध्यम से वसूली करने के उद्देश्य से उसे उसके चचेरे भाई ने दिल्ली बुला लिया था। उसने हनी ट्रैपिंग के लिए जाकिर नगर में महिला को किराए का मकान दिलवा दिया था।
उक्त घर में महिला के अलावा गिरोह में दो अन्य सदस्य महेंद्र और नूर मझर उर्फ असलम भी रहते थे। वह सरगना के इशारे पर इलाके के अमीर लोगों को फंसाती थी, जबकि महेंद्र छिपकर वीडियो बनाता था।
नूर मजहर उर्फ असलम उन लोगों को वीडियो भेजकर वसूली के लिए काल करता था। महिला ने बताया कि वह डाक्टर, बेकरी मालिकों, बिल्डरों, व्यवसायियों आदि क्षेत्र के 8-10 लोगों को फंसा कर उनसे लाखों उगाही की थी। ऐसे व्यक्तियों का विवरण उसके चचेरे भाई ने उसे प्रदान किया था।
डाक्टर को शिकार बनाने से पहले महिला सामान्य मरीज के रूप में उनके क्लीनिक पर गई थी। अकेले रहने और स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन समस्याओं के बहाने डॉक्टर उसने डाक्टर का मोबाइल नंबर ले लिया था। उसके बाद उसने डाक्टर को फोन करना शुरू कर दिया था।
दोस्ती हो जाने पर एक दिन उसने गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के बहाने डाक्टर घर बुला लिया था। घटना के बाद मामला दर्ज होने पर वह होसंगाबाद भाग गई थी। उसे कोई संतान नहीं है। उसका पति भोपाल में कपड़ा विक्रेता है।