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अतुल गुप्ता व मनोज मिश्रा हत्याकांड की फाइल बंद, पुलिस ने लगाई एफआर

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बरेली। प्रेमनगर के चर्चित अतुल गुप्ता और मनोज मिश्रा हत्याकांड में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लग गई। अतुल गुप्ता हत्याकांड में जहां नार्को टेस्ट रिपोर्ट आधार बनी, वहीं मनोज मिश्रा हत्याकांड में वारदात से जुड़े 26 लोगों के बयानों को साक्ष्य बनाया गया। फाइनल रिपोर्ट के मुताबिक, अतुल गुप्ता की मौत खुदकुशी है, जबकि मनोज मिश्रा की जलने से मौत हुई। दोनों ही मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटने की बात सामने आने पर पुलिस ने स्वयं ही हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी। इधर, जलनिगम कर्मी गुलाब उपाध्याय की मौत मामले में किसी के खिलाफ काेई साक्ष्य न मिलने पर भी एफआर लगा दी गई।

केस-1

प्रेमनगर के भूड़ निवासी अतुल गुप्ता की अगस्त 2020 में मौत हुई थी। घटनास्थल पर अतुल के फंदा लगाकर जान देने की बात सामने आई थी, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी। प्रेमनगर पुलिस ने यह कहकर मुकदमा दर्ज नहीं किया था कि स्वजन ने तहरीर नहीं दी। एसएसपी के हस्तक्षेप के बाद तत्कालीन चौकी इंचार्ज कानूनगोयान प्रदीप कुमार की ओर से अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया। मामले में अतुल के ही बेटे शुभम व बहू कोमल की भूमिका संदिग्ध होने की बात सामने आई। पूछताछ में कोई हल सामने न आने पर दोनों का नार्को टेस्ट कराया गया। नार्को टेस्ट में भी दोनों के खिलाफ कोई साक्ष्य न मिले। लिहाजा, अतुल की मौत को खुदकुशी ही माना गया और मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई।

केस-2

सितंबर 2021 में राजेंद्रनगर बांके बिहारी मंदिर के पास रहने वाले टिफिन सेंटर संचालक मनोज मिश्रा का अधजला शव उनके कमरे में मिला था। कमरे से धुआं उठता देख पड़ोसियों ने वीरसावरकर नगर निवासी उनके पिता और भाई को फोन कर हादसे की जानकारी दी थी। घटनास्थल से बीड़ी के टुकड़े, शराब की बोतल, लाइटर आदि मिला था। पुलिस इसे हादसा मान रही थी लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटने की बात सामने आई। मनोज के गले की हड्डी टूटी हुई थी। सिर में खून का थक्का जमा हुआ मिला। दारोगा माजिद की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई। पूछताछ में 26 लोगों के बयानों को आधार बनाया गया। बयानों और एकत्र साक्ष्य में मनोज की मौत जलने से ही बताकर एफआर लगा दी गई।

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केस-3

सितंबर 2021 में ही संजयनगर में दुर्गानगर बीडीए कालोनी निवासी जल निगम में फिटर गुलाब उपाध्याय की आफिस में गोली लगने से मौत हो गई थी। मामले में गुलाब के स्वजन ने जल निगम कर्मियों पर हत्या का आरोप लगाकर हंगामा काटा था। आरोप लगाया था कि दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बाद भी गुलाब राय ड्यूटी कर रहे थे। जल निगम के लिपिक खेमानंद पांडेय वेतन का कुछ हिस्सा मांग रहे थे। रुपये न देने पर खेमानंद ने उनके विरोधी दाऊ दयाल पांडेय और उसके लड़के वैष्णोदत्त शर्मा के साथ मिलकर काम में हस्तक्षेप शुरू कर दिया। अधिशासी अभियंता संजय कुमार से मामले की शिकायत की गई लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोपितों के खिलाफ कोई साक्ष्य ने मिलने पर प्रेमनगर पुलिस ने इस मुकदमे में भी एफआर लगा दी गई।

तत्कालीन इंस्पेक्टर प्रेमनगर हुए थे सस्पेंड

अतुल गुप्ता प्रकरण तब चर्चा में आया जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के डेढ़ महीने बाद भी रिपोर्ट दर्ज न होने पर एसएसपी रोहित ङ्क्षसह सजवाण ने तत्कालीन प्रेमनगर इंस्पेक्टर बलवीर ङ्क्षसह को सस्पेंड कर दिया था। इसी के बाद मामले में हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई और जांच पूरी होने के बाद नार्को टेस्ट रिपोर्ट का हवाला देकर एफआर लगा दी गई।

अतुल गुप्ता, मनोज मिश्रा और जलनिगम कर्मी हत्याकांड तीनों मामलों में एफआर लगा दी गई है। अतुल की मौत खुदकुशी है, जबकि मनोज मिश्रा की जलने से मौत हुई। जल निगम कर्मी की मौत मामले में किसी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले। – जसवीर सिंह, इंस्पेक्टर, प्रेमनगर

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